लखनऊ. राजधानी लखनऊ में 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक झड़प व आगजनी के मामले में प्रशासन ने रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर दी है. हिंसा के 46 आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने का नोटिस जारी किया गया है. जिन्हें नोटिस जारी किया गया है उसमें प्रमुख रूप से रिटायर्ड आईजी एसआर दारापुरी कांग्रेस नेता सदफ जफर और रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब प्रमुख हैं. बता दें जिला प्रशासन ने 100 से अधिक लोगों को नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति का नोटिस दिया गया है.
यह नोटिस हजरतगंज पुलिस द्वारा तैयार 46 बलवाइयों की सूची पर जिला प्रशासन ने जारी की है. बता दें एक अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान 3 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के नुकसान होने का अनुमान है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई बलवाइयों से करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद से ही जिला प्रशासन सूची को चिन्हित कर उन्हें नोटिस भेजकर एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है. इसके बाद अगर वो खुद को निर्दोष साबित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें एक तय राशि का भुगतान सरकार को क्षतिपूर्ति के तौर पर करना होगा. निर्धारित राशि न देने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी, जिसमें जेल जाना भी शामिल है.
SC गाइडलाइंस का हो रहा पालन
लखनऊ के जिलाधिकारी (डीएम) अभिषेक प्रकाश के मुताबिक नुकसान का अनुमान करोड़ों में है और अभी आकलन किया जा रहा है कि आखिर कुल कितना नुकसान हुआ है. हर सेक्टर में नुकसान का आकलन कर के हिंसा करने वालों पर जुर्माने की राशि तय की जाएगी. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन करते हुए हमने ये कार्रवाई शुरू कर दी है|