चंडीगढ़. राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकूला में दंगा भड़कने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि लड़का लड़की किसी पार्क में बैठे हों तो वहां पुलिस पहुंच जाती है लेकिन, पंचकूला में 3 दिन तक खुले में बैठे हुए राम रहीम के समर्थकों को लेकर पुलिस की आंखें बंद क्यों रही ? बता दें कि गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकूला में दंगा भड़का था। दंगों से हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा, इस पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में 8 और 9 जनवरी को सुनवाई तय की है।
जस्टिस राजीव शर्मा, जस्टिस राकेश कुमार जैन और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने एमिकस क्यूरी अदालत के सहयोगी वकील अनुपम गुप्ता से पूछा कि क्या यह इंटेलिजेंस फैलियर नहीं है। यह सोचने की बात है कि न पहले न बाद में बिल्कुल मौके पर राम रहीम के समर्थक जमा हुए और पुलिस इस दौरान मूकदर्शक बनी रही। एमिकस क्यूरी ने कहा कि डेरे के खिलाफ अब अवमानना का मामला नहीं बनता। 6 माह से ज्यादा का समय बीत चुका है। अब अवमानना के तहत संज्ञान नहीं लिया जाना चाहिए। डेरा प्रबंधन की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि पंचकूला में जमा लोगों की पीठ पर गोलियां दागी गई, ऐसे में पुलिस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती।
एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कहा कि सरकार को मामले में जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्हें पक्ष रखने के लिए कोर्ट समय दे। एडवोकेट जनरल ने कहा कि सरकार आर्थिक तंगी से गुजर रही है और ऐसे में इस सारे मामले को लेकर राज्य में तैनात किए गए सेंट्रल फोर्स का खर्चा दिया जाए।