छात्रों से संवाद के दौरान छात्रों के बीच सफेद कुर्ता पायजामा पहने एक नेता जी भी पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने बोलना भी शुरू कर दिया तो राज्यपाल ने उनसे सीधे सवाल किया कि उन्हें प्रोटोकॉल की जानकारी नहीं है क्या। राज्यपाल के सामने कैसे बैठा जाता है। यह सुनकर तुरंत पुलिस कर्मी दौड़े और उन्हें बाहर का व्यक्ति बताकर उठाने लगे। फिर राज्यपाल ने पुलिस कर्मियों को आड़े हाथों लिया।
हुआ यूं के राज्यपाल के कार्यक्रम के समय एक नेता जी अपनी कार में बैठकर वीआईपी की तरह मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। वे पुलिस अधिकारियों से बात करते दिखाई दे रहे थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान भी मौजूद रहे। जबकि यहां न सत्तारूढ़ पार्टी का कोई नेता था और न ही विपक्ष का। नेता जी मेडिकल कॉलेज में सभी कार्यक्रमों में बेरोकटोक आ जा रहे थे। जब छात्रों से संवाद शुरू हुआ तो वहां भी छात्रों के बीच जाकर कुर्सी पर बैठ गए। हद तो यह हो गई कि वहां भी वह चुप नहीं हुए और बातचीत करते रहे। यही कारण रहा कि राज्यपाल का ध्यान उन पर गया और सीधे नेता जी से प्रोटोकॉल के बारे में सवाल कर दिया।
हालांकि नेता जी इसके बाद भी यहां उपस्थित रहे। इतना ही नहीं, जब राज्यपाल चले गए तो नेता जी की गाड़ी भी वहीं पर आकर लगी, जहां राज्यपाल की गाड़ी लगी थी। फिर नेता जी अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए। राज्यपाल के संवाद के दौरान एक महिला सम्मान का मामला भी दिखा। मंच पर किसी महिला को जगह नहीं दी गई थी। यह देख राज्यपाल ने निरीक्षण के दौरान साथ रही एक महिला डॉक्टर को बुलाकर मंच पर अलग से कुर्सी डलवाकर महिला को बैठाया। बाद में उन्होंने बताया भी कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। उन्होंने प्रोटोकॉल अलग बात है, लेकिन समरसता भी बेहद आवश्यक है।