सूरजकुंड में एक फरवरी से आरंभ हो रहे 34वें अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में वीआइपी के अलावा देशी एवं विदेशी पर्यटकों भोजन की व्यवस्था बड़खल स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से होती है। सूरजकुंड मेले में बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रशिक्षुओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इंस्टीट्यूट के प्रधानाचार्य अतुल शुक्ला ने बताया कि पर्यावरण के मद्देनजर प्लास्टिक उत्पादों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसकी जगह कागज की प्लेट, दोने और लकड़ी के चम्मच का इस्तेमाल किया जाएगा। मेला परिसर में फूड कोर्ट में आइएचएम के स्टॉल में संस्थान के प्रशिक्षु और स्टॉफ के कुल 100 सदस्य सेवाएं देंगे। रोजाना करीब ढाई हजार से तीन हजार पर्यटकों के भोजन की व्यवस्था रहती है पर्यटकों को परंपरागत व्यंजनों के अलावा मीठे में केसर जलेबी और शाही टुकड़ी का स्वाद चखाएंगे।