अर्थव्यवस्था में सुस्ती को दूर करने के उद्देश्य से भारतीय कंपनियों ने मांग और खपत बढ़ाने के लिए आगामी बजट में पर्सनल इनकम टैक्स की दरों में कटौती की उम्मीद की है। कंपनियों का कहना है कि डिमांड में बढ़ोत्तरी के लिए अब पर्सनल इनकम टैक्स में कमी की जानी चाहिए। एक प्री बजट सर्वे से यह बात पता चली है। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की थी। सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स की दर को पुरानी कंपनियों के लिए 25 फीसद तक और विनिर्माण क्षेत्र में आने वाली नई कंपनियों के लिए 15 फीसद तक कम किया था।
यह सर्वे केपीएमजी द्वारा किया गया है, जिसमें 215 कंपनियां शामिल हुई हैं। सर्वे के मुताबिक, अधिकांश लोगों को उम्मीद है कि सरकार बजट में इनकम टैक्स छूट की लिमिट को 2.5 लाख रुपये सालाना से आगे बड़ा सकती है। यहां बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में सराकर ने पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आमदनी को टैक्स फ्री किया हुआ है। सर्वे के अनुसार, अधिकांश कंपनियां मानती हैं कि विदेशी कंपनयों के लिए टैक्स की दर में भी कमी होनी चाहिए।
सर्वे में शामिल लोगों का मानना है कि आगामी बजट में सरकार होम लोन को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठा सकती है। सर्वे में शामिल लोगों का मानना है कि 30 फीसद टैक्स रेट में आने वाली इनकम लिमिट को भी आगामी बजट में बढ़ाया जा सकता है। वहीं, सर्वे में शामिल करीब आधे लोगों ने कहा कि निर्यात के लिए सेज इकाइयों को मिली टैक्स छूट के लाभ को मार्च 2020 के बाद आई इकाइयों को भी दिया जा सकता है।