उत्तराखंड सरकार के करीब डेढ़ लाख पेंशनर जल्द ही देश में कहीं से भी ऑनलाइन लाइफ सर्टिफिकेट जमा करा सकेंगे। ये सुविधा उन्हें जनसेवा केंद्र (सीएससी) के माध्यम से प्राप्त होगी। इसके अलावा सरकार उन्हें बायोमीट्रिक डिवाइस के माध्यम से भी सत्यापन कराने की सुविधा प्रदान करेगी। जल्द इन दोनों सुविधाओं का आगाज मुख्यमंत्री से कराया जाएगा।
प्रदेश सरकार के पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को हर साल संबंधित कोषागार में अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र देना होता है। पुरानी व्यवस्था में पेंशनरों को परेशानी होती थी। लेकिन बाद में सरकार ने बुजुर्ग पेंशनरों की परेशानियों को दूर करने के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों विकल्पों की सुविधा प्रदान की। वर्तमान में पेंशनर प्रदेश के 19 कोषागारों, 70 उपकोषागारों में जाकर अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र देते हैं।
वे कोषागार में आए बगैर जन सेवा केंद्रों के माध्यम से भी ऑनलाइन सत्यापन भी करा सकते हैं। ये सुविधा प्रदेश के भीतर है। कोषागार निदेशालय अब इस सुविधा को और अधिक विस्तार देने जा रहा है। नई व्यवस्था में पेंशनर को राज्य से बाहर भी जनसेवा केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन जीवित प्रमाण पत्र भेजने की सुविधा होगी।
बदलाव से मिली बड़ी राहत
यानी वह देश में किसी भी स्थान से जन सेवा केंद्र के माध्यम से जीवित प्रमाण पत्र जमा कर सकेगा। इसके अलावा सरकार लाइव सर्टिफिकेट के लिए बायोमीट्रिक डिवाइस को भी मान्य करने जा रही है। यानी पेंशनर अपने तय समय पर घर बैठे डिवाइस के माध्यम से जीवित होने का प्रमाण पत्र जमा करा सकेंगे।
पिछले कुछ वर्षों में हुए बदलाव से प्रदेश सरकार के पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिली है। पुरानी व्यवस्था के तहत उन्हें एक ही तिथि पर सत्यापन कराने को कोषागारों में आना होता था। इससे कोषागारों में भीड़ जमा हो जाती थी।
बीमार और बुजुर्ग पेंशनरों को भारी दिक्कत होती थी। सरकार नई व्यवस्था की कि जिस माह में पेंशनर सेवानिवृत्त हुआ, उसी माह किसी भी दिन सत्यापन कराया जा सकता है। इसके बाद भी सत्यापन कराने की सुविधा दी गई।
देश में किसी भी जनसेवा केंद्र और बायोमीट्रिक डिवाइस के माध्य से पेंशनर के जीवित होने के सत्यापन की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। इससे पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों का समय बचेगा और उन्हें सुविधा होगी। वे अपने जनपद या प्रदेश से बाहर होने पर भी समय पर अपना सत्यापन करा सकेंगे।