नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में मंगलवार को लखनऊ के बंगला बाजार स्थित रामकथा पार्क में रैली के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल, केजरीवाल, अखिलेश, ममता और मायावती को सीएए पर बहस की खुली चुनौती दी।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस द्वारा सीएए के खिलाफ बेबुनियाद बातें फैलाई जा रही है।
अमितशाह ने कहा कि देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है।
अमित शाह ने कहा कि जब देश आजाद हुआ, कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत मां के दो टुकड़े हो गए। 16 जुलाई 1947 को कांग्रेस पार्टी ने प्रस्ताव पास करके धर्म के आधार पर विभाजन को स्वीकार किया।
अमित शाह ने कहा कि इस बिल में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार हुए, वहां उनके धार्मिक स्थल तोड़े जाते हैं। वो लोग वहां से भारत आए हैं। ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता देने का ये बिल है।
अमित शाह ने कहा कि राजस्थान के पिछले विधानसभा में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि पाकिस्तान से आए हिन्दुओं, सिखों को नागरिकता दी जाएगी। आप करो तो सही है और मोदी जी करें, तो विरोध करते हो।
शाह ने कहा कि नेहरू जी ने कहा था कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए। इनको नागरिकता देने के लिए जो जरूरी हो वो करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।
अमित शाह ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने 1947 में कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख भारत आ सकते हैं। उन्हें नागरिकता देना, गौरव देना, भारत सरकार का कर्तव्य होना चाहिए।
अमित शाह बोले- मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे,सीएए वापस नहीं होने वाला है।
अमित शाह ने कहा कि मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कल तक जो 100-100 हेक्टेयर के मालिक थे वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है।