बालिका गृह मामले में दिल्ली के साकेत स्थित सौरभ कुलश्रेष्ठ की विशेष पॉक्सो कोर्ट सोमवार को फैसला सुना सकती है। इससे पहले कोर्ट ने तीन बार फैसले की तारीख मुकर्रर की थी। पहली बार 14 नवंबर को दिल्ली में वकीलों की हड़ताल, 12 दिसंबर को न्यायाधीश के अवकाश व 14 जनवरी को ब्रजेश ठाकुर की ओर से नई अर्जी दाखिल करने व आरोपितों की ओर से 50 हजार रुपये का बंध पत्र विशेष कोर्ट में दाखिल नहीं करने के कारण फैसला टला था। अब चौथी बार इस मामले के फैसले की तारीख मुकर्रर हुई है। हालांकि इस मामले में 18 जनवरी को कोर्ट ने उसकी अर्जी को खारिज कर दिया।
23 फरवरी से साकेत के विशेष कोर्ट में चल रही सुनवाई
पिछले साल मई में मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में कई बच्चियों से दुष्कर्म व यौन उत्पीडऩ का मामला सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 फरवरी से मामले की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही है
ये हैं आरोपित
आरोपितों में ब्रजेश ठाकुर, बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रोशन, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रहे दिलीप वर्मा, सदस्य विकास कुमार, बालिका गृह की कर्मचारी इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल, किशन राम उर्फ कृष्णा, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी, विक्की, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर ङ्क्षसह उर्फ मास्टर व साइस्ता परवीन उर्फ मधु शामिल हैं।
यह है मामला
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट के आधार पर मई 2018 में यह मामला सामने आया था। बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने 31 मई 2018 को महिला थाने में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने ब्रजेश ठाकुर सहित 10 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। बाद में सीबीआइ ने 10 अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया। सभी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। फिलहाल 20 आरोपितों के विरुद्ध साकेत के विशेष पॉक्सो कोर्ट में सत्र विचारण के बाद फिलहाल फैसला आने वाला है।