दीपिका पादुकोण मंगलवार की शाम जेएनयू में छात्रों के प्रदर्शन में शामिल हुई थीं। वे जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष से मिली थीं। दीपिका के इस कदम के बाद से ही उनकी फिल्म के खिलाफ ट्विटर पर बायकॉट छपाक ट्रेंड करने लगा था। दीपिका फिल्म की प्रोड्यूसर भी हैं। उनके करीबियों ने बताया कि दीपिका प्रोटेस्ट में निजी रुचि में गई थीं। मामला प्रमोशन का होता तो मेघना गुलजार और विक्रांत मैसी भी उनके साथ होते, पर ऐसा नहीं हुआ।
ट्रेड पंडितों के मुताबिक, दीपिका के इस मूव से फिल्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उसकी किस्मत उसके कंटेंट से डिसाइड होगी न कि जेएनयू जाने से। अक्षय राठी कहते हैं, ‘पद्मावत’, ‘ऐ दिल है मुश्किल’ के टाइम भी फिल्म को बैन करने की कोशिश हुई थी। फिल्मों के विरोध प्रदर्शन से अंतिम तौर पर इन स्टूडियोज का आर्थिक नुकसान होता है। दीपिका ने जो स्टैंड लिया, वह उनका डेमोक्रेटिक राइट है। बहरहाल, फिल्म अफेक्ट होगी कि नहीं, वह शुक्रवार बाद पता चल जाएगा।’
डिस्ट्रीब्यूशन में 40 साल से सक्रिय राज बंसल का कहना है…’कंट्रोवर्सी दोधारी तलवार होती है, पर यहां उसका साइड इफेक्ट होता नजर नहीं आ रहा है। विरोध प्रदर्शन ट्विटर तक सिमटा हुआ है।’
सोमवार को एक इलेक्ट्रॉनिक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने पहली बार जेएनयू हमले पर अपनी प्रतिक्रिया भी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था- “यह देखकर गर्व होता है कि अपनी बात कहने से डर नहीं है। बात खुशी की है कि लोग सामने आ रहे हैं। बेखौफ अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।”
विवादों के बावजूद वर्ल्ड वाइड कलेक्शन
पद्मावत – 580 करोड़
पीके – 616 करोड़
दंगल – 2000 करोड़
वीरे दी वेडिंग -140 करोड़