इंदौर . नोटबंदी वाले साल 2016-17 के दौरान बैंक खातों में बिना किसी स्रोत के अधिक नकदी जमा करने वाले ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत आयकर विभाग के रडार पर हैं। विभाग ने नोटबंदी और इसके साथ ही अन्य मामलों को चिन्हित कर 24128 केस जांच में लिए थे। उनमें से 12908 केसों में 13868 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड निकाली है। इन्हें नोटिस जारी किए हैं, अब वसूली होगी। यह खुलासा मप्र-छग के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर अजय कुमार चौहान ने बुधवार को किया। उन्होंने कहा कि इस डिमांड राशि में ऑपरेशन क्लीन मनी के साथ अन्य कारणों से जांच में आए करदाता भी शामिल हैं। ऑपरेशन में चार खाते बेनामी मिले हैं, उन्हें बेनामी विंग को सौंप दिया है।
मप्र-छग में 31 लाख ने भरा रिटर्न
- मप्र-छग में दिसंबर-19 तक कुल टैक्स कलेक्शन लक्ष्य 27844 की तुलना में 14 हजार 20 करोड़ रुपए जमा हो चुका है। अभी तीन महीने शेष हैं।
- मप्र-छग में अभी तक कुल 31.75 लाख रिटर्न दाखिल हो गए हैं।
- मप्र-छग में कुल 76 रेगुलर और 19 रिकवरी सर्वे हुए, जिसमें 70 करोड़ की अघोषित आय मिली।
- मप्र-छग में 180 केसों में कुल 670 बेनामी संपत्तियां विभाग अटैच कर चुका है।
एडवांस जमा करने वाले दे रहे कम टैक्स
चौहान ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर विभाग जीरो टॉलरेंस नीति पर है। इसके लिए एक गाइडलाइन जारी कर दी है। उन टॉप एडवांस टैक्स करदाताओं को चिन्हित किया है, जो तीन साल से लगातार कम एडवांस टैक्स दे रहे हैं और बाद में सेल्फ असेसमेंट में अधिक टैक्स देते हैं। आशंका है कि वे खातों में हेराफेरी कर रहे हैं। सेल्फ असेसमेंट में भी चिन्हित करदाताओं से विभाग को 155 करोड़ लेना है।
जिन पर कोर्ट केस, उनके पास 31 जनवरी तक कंपाउंडिंग का मौका
चौहान ने बताया कि 760 मामलों में विभाग ने करदाताओं के खिलाफ कोर्ट में केस दायर किया है। वे लोग 31 जनवरी तक कंपाउंडिंग स्कीम में आवेदन कर सकते हैं। अभी तक 80 आवेदन विभाग को मिल चुके हैं। यह वनटाइम स्कीम है।
जीएसटी वाले कारोबारियों के रिटर्न भी रडार पर
चौहान ने बताया कि मप्र टैक्स कलेक्शन में अन्य राज्यों की तुलना में 2.5% अधिक बेहतर चल रहा है। इस साल मप्र-छग में तीन लाख 28 हजार नए करदाता जोड़े जा चुके हैंै। जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारियों पर नजर है, जो रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे।