नई दिल्ली,निर्भया मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई में तिहाड़ जेल प्रशासन रिपोर्ट दाखिल करेगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट से मिले निर्देश पर जेल प्रशासन ने दोषियों को सात दिन का वक्त दिया था, ताकि वे मौत की सजा के खिलाफ दया याचिका दाखिल कर सकें। जेल प्रशासन ने नोटिस दिल्ली जेल नियमावली 2018 के नियम 837 के तहत जारी किया था। प्रशासन ने कहा था यदि आपने दया याचिका दाखिल नहीं की है तो सात दिन के भीतर राष्ट्रपति के समक्ष दायर कर सकते हैं। जेल प्रशासन के अनुसार, चारों दोषियों की ओर से जेल प्रशासन को जवाब मिल चुका है। मुकेश की ओर से सबसे अंत में जवाब मिला।
जेल के अतिरिक्त महानिरीक्षक राजकुमार ने बताया कि मुकेश का जवाब निर्धारित तिथि के बाद मिला है। सभी दोषियों ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका से पहले क्यूरेटिव याचिका के विकल्प की बात कही है। यह भी कहा है कि क्यूरेटिव याचिका दायर करने के बाद जो फैसला आएगा, उसके आधार पर वे आगे क्या करना है, यह तय करेंगे। मंगलवार को होने वाली सुनवाई में कोर्ट को इस मामले में वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा। इसके बाद कोर्ट का जो निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा। बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया की मां की याचिका पर सुनवाई हो रही है। याचिका में उन्होंने दोषियों को जल्द फांसी देने की गुहार लगाई है। कोर्ट डेथ वारंट को लेकर निर्देश भी जारी कर सकता है।
गवाह पर केस चलाने की याचिका कोर्ट ने की खारिज
निर्भया मामले में गवाह पर केस दर्ज करने की मांग वाली अर्जी को पटियाला हाउस अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत ने कहा इस अर्जी में ऐसा कुछ नहीं है, जिस पर केस दर्ज करने का आदेश दिया जा सके। अदालत में दोषी पवन गुप्ता के पिता हीरा लाल ने अर्जी दायर कर मांग की थी कि इस मामले में गवाह पर केस दर्ज किया जाए, क्योंकि उसने गलत बयानबाजी की है। अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि एक गवाह की विश्वसनीयता का अंदाजा इस बात से नहीं लगाया जा सकता कि वह अदालत के बाहर क्या कहता है। किसी भी गवाह को अदालत में शपथ दिलाकर बयान लिया जाता है। गवाह अदालत के बाहर क्या कहता है, इस पर अदालत उसकी विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठा सकती। पवन गुप्ता के पिता ने अर्जी में कहा था कि निर्भया केस में गवाह ने कई टीवी चैनलों से पैसा लेकर बयान दिए। उसके बयानों की वजह से यह मीडिया ट्रायल बन गया और केस पर असर पड़ा।