नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। अगले सप्ताह से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों के लिए अच्छी बात यह है कि पहली बार विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए चुनावी रैली, जनसभा या किसी भी तरह के आयोजन की स्वीकृति लेने व नामांकन दाखिल करने की ऑनलाइन सुविधा मिलेगी। इससे उम्मीदवारों की राह आसान हो जाएगी। दफ्तर में बैठकर ही वह चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी कई तरह की दस्तावेजी प्रक्रिया को पूरा कर सकेंगे। हालांकि नामांकन का पर्चा भरने के बाद उसका प्रिंट्रआउट प्रत्याशियों को चुनाव अधिकारी के कार्यालय में जमा कराना होगा। तभी आवेदन स्वीकृत होगा।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने चुनाव की घोषणा होने के बाद शाम को सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई। इसमें राजनीतिक दलों को चुनाव आचार संहिता से जुड़ी जानकारी दी गई। इस बैठक में ऑनलाइन प्रक्रिया की भी जानकारी दी गई। 14 जनवरी को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। इसके साथ नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। चुनाव आयोग ने नामांकन की अंतिम तिथि 21 जनवरी सुनिश्चित की है। नामाकंन प्रक्रिया शुरू होने से पहले सीईओ कार्यालय के अधिकारी कार्यशाला का आयोजन कर राजनीतिक दलों को प्रशिक्षित भी करेंगे। ताकि, उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन प्रक्रिया को समझने के साथ ही इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
सीईओ डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि चुनाव प्रबंधन के लिए मुख्य आइटी एप ‘एन-कोर’ का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे संबंधित दूसरा एप ‘सुविधा’ है। इसके माध्यम से इस बार उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन दाखिल करने की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा चुनाव से संबंधित गतिविधियों की स्वीकृति भी ऑनलाइन मिल सकेगी।
दरअसल, चुनाव आचार संहिता लगने के बाद राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों को हर दिन के चुनावी कार्यक्रम के लिए आयोग से स्वीकृति लेनी होती है। इसके लिए सभी जिले के निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में सिंगल विंडो की सुविधा होती है। फिर भी उम्मीदवारों को जरूरी स्वीकृति के लिए भागदौड़ करनी पड़ती थी। इस बार स्वीकृति के लिए भागदौड़ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सुविधा एप से होगा ये लाभ
चुनाव आयोग ने इसे उम्मीदवारों की सुविधा के लिए तैयार किया है। उम्मीदवार नामाकंन पत्र भरने के बाद इसके माध्यम से उसकी स्थिति (स्टेट्स) मालूम कर सकेंगे।
शरणार्थियों का नाम अभी मतदाता सूची में नहीं
नागरिकता संशोधन कानून के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि शरणार्थियों का नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए अभी कोई निर्देश नहीं मिला है।