जम्मू। अब जम्मू कश्मीर में कोई भी व्यक्ति सूचना के अधिकार के तहत आवेदन देकर सरकारी कामकाज की जानकारी मांग सकता है। अब सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत जानकारी मांगने वाले का जम्मू कश्मीर अथवा लद्दाख का स्थानीय निवासी होना जरूरी नहीं है यानी जम्मू कश्मीर में सरकार कामकाज की जानकारी हासिल करने के लिए देश के हर नागरिक के पास अधिकार है।
इसका खुलासा केंद्रीय सूचना आयोग की जिम्मेवारी संभालने वाले डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के स्वतंत्र प्रभार मंत्री एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र ने किया। वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आरटीआइ कानून को सशक्त बनाने के मुद्दे पर वीरवार को दिल्ली में मुख्य सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव के साथ विचार विमर्श कर रहे थे।बैठक में मुख्य सूचना आयुक्त ने जम्मू कश्मीर व लद्दाख में आरटीआइ कानून को पूरी तरह से प्रभावी बनाने को लेकर उठाए जा रहे कदमों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने लंबित आरटीआइ मामलों के निपटारे के बारे में भी बताया।
पहले राज्य के मूल नागरिक दायर कर सकते थे आरटीआइपांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने से पूर्व और जम्मू कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले सिर्फ राज्य के मूल नागरिक ही आरटीआइ दायर कर सकते थे। मगर अब केंद्र शासित प्रदेश बनने और केंद्रीय कानून लागू होने से जम्मू कश्मीर व लद्दाख में आरटीआइ कानून भी प्रभावी हो गया है। ऐसे में देश का कोई भी नागरिक जम्मू कश्मीर में आरटीआइ के जरिए सरकारी कामकाज की जानकारी मांग सकता है।