नई दिल्ली, । बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट, पीपीएफ, इपीएफ, और म्युचुअल फंड ये सभी बचत और निवेश के लिहाज से लोकप्रिय साधन हैं। पिछले कुछ सालों में देखा जाये तो म्युचुअल फंड में निवेश बढ़ा है। इसके अलावा बाकी के निवेश विकल्प में भी लोगों का रुझान बढ़ा है। निवेशक इन निवेश विकल्पों में लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं। बहुत सारे निवेशक इन निवेश के लिए कई सारे खाते का इस्तेमाल करते हैं। बहुत सारे निवेश विकल्पों में लंबे समय तक निवेश करके और कई सारे खाते रख के निवेशक अपनी बचत और निवेश के बारे में भूल जाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है, ऐसा होने के सबसे आम कारणों में से एक यह है कि ये खाते या नीतियां किसी ने बहुत समय पहले बनाई या खरीदी थीं और लोग शायद उनके बारे में भूल गए हों। भले ही पैसे रखने वाली संस्थाओं को एक निश्चित अवधि के बाद खाताधारक के संपर्क में रहना पड़ता है, लेकिन अधिकांश का दावा है कि वे कई ग्राहकों से संपर्क करने में असमर्थ हैं क्योंकि उनका पता और संपर्क से जुड़ी जानकारी पिछले कुछ वर्षों में बदल गई है और संस्था के साथ उन्हें अपडेट नहीं कराया गया है।
बिना दावे वाले (unclaimed) ऐसे पैसे यह एक समय बाद विभिन्न सरकारी फंडों में डाल दी जाती है। कई सारे ऐसे वेलफेयर और जागरूकता फंड्स हैं जिनमें ये अनक्लेेम्ड फंड्स डाल दिए जाते हैं। खाताधारक ऐसे पैसों को सीधे क्लेम कर सकते हैं। मसलन, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट से अनक्लेेम्ड धनराशि डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में भेज दी जाती है, अनक्लेेम्ड बीमा, PPF और EPF का पैसा सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड (SCWF) में लाया जाता है।
डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF)
इसमें बैंक जमा शामिल हैं जो 10 वर्षों से अनक्लेम्ड हैं। इसका गठन 2014 में किया गया था और किसी भी बैंक खाते से अनक्लेम्ड फंड जो पिछले 10 वर्षों या उससे अधिक समय से ऑपरेशन में नहीं है, 10 साल की समाप्ति से 3 महीने के भीतर इस फंड में ट्रांसफर कर दिया जाता है। 10 साल की समाप्ति के बाद भी निवेशक अपने पैसे का दावा कर सकते हैं। वे डीएएएफ खाते में ट्रांसफर होने के बाद भी राशि का दावा कर सकते हैं। इस मामले में बैंक खाताधारक को पैसे का भुगतान करेगा, जिसे बैंक को डीएएएफ द्वारा वापस किया जाएगा।
सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड (SCWF)
एससीडब्ल्यू फंड पीपीएफ, डाकघर बचत खातों, ईपीएफ, आरडी खातों और इसी तरह के अन्य खातों से अनक्लेम्ड जमा रखता है। इस वेलफेयर फंड का गठन 2015 में किया गया था। आमतौर पर निवेश की परिपक्वता के बाद या कार्यकाल समाप्त होने के बाद अनक्लेम्ड धन को ट्रांसफर करने से पहले, बीमाकर्ता खाताधारकों/नामांकित व्यक्ति से संपर्क करते हैं।
मसलन, इंश्योरेंस फंड के मामले में यदि धन नियत तारीख से 10 वर्ष के अंत तक अनक्लेम्ड रहता है, तो इसे वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर कर दिया जाता है। लाभार्थी वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण कोष (SCWF) को उसी के ट्रांसफर की तारीख से 25 वर्षों तक अपनी नीतियों के तहत धन का दावा कर सकेंगे। वित्त मंत्रालय के अनुसार, सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड का उपयोग वरिष्ठ नागरिकों के लाभ के लिए किया जाता है।
निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष (IEPF)
IEPF में लाभांश और राशि जमा रहती है जिनका क्लेम वर्षों तक नहीं किया गया होता है। अगर सात साल तक पैसों का क्लेम नहीं किया जाता है तो ऐसी राशि को आईईपीएफ में ट्रांसफर कर दिया जाता है। IEPF की खुद की iepf.gov.in नाम से सरकारी वेबसाइट है। इस वेबसाइट का काम निवेशकों में जागरूकता लाना और उनके ब्याज को सुरक्षा देना है।