मुंबई. पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने शुक्रवार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पहली चार्जशीट दाखिल की। 32 हजार पेज की चार्जशीट में पांच आरोपियों के नाम हैं। ये आरोपी पीएमसी के पूर्व एमडी जॉय थॉमस, पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह, पूर्व निदेशक सुरजीत सिंह अरोड़ा और रिएलिटी फर्म एचडीआईएल के प्रमोटर राकेश और सारंग वाधवान हैं। इन पर धोखाधड़ी, सबूत मिटाने और कागजातों में जालसाजी करने के आरोप हैं।
पीएमसी घोटाले में कुल 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी
- पांचों आरोपी अभी जेल में हैं, घोटाले के खुलासे के बाद सितंबर में गिरफ्तारी हुई थी। चार्जशीट में पीएमसी बैंक की फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट और आरोपियों की संपत्ति खरीद के दस्तावेज दस्तावेज भी शामिल हैं। पीएमसी के खाताधारकों समेत 340 गवाहों के बयान दर्ज हैं। पुलिस ने 7 अन्य बैंक अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया था, उनके खिलाफ बाद में चार्जशीट दायर की जाएगी।
- पीएमसी बैंक घोटाला का खुलासा सितंबर में हुआ था। आरबीआई ने जांच में पाया कि बैंक ने एचडीआईएल के 6,700 करोड़ रुपए के कर्ज की जानकारी छिपाने के लिए फर्जी खाते खोल दिए। आरोपी अधिकारियों ने कोर बैंकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ कर एचडीआईएल जैसे 44 लोन खातों को छिपाया। स्टाफ के सीमित सदस्य ही इन खातों को एक्सेस कर सकते थे।
- आरबीआई ने 23 सितंबर को बैंक पर प्रतिबंध लगा दिए। खाताधारकों के लिए विड्रॉल लिमिट 1000 रुपए तय कर दी गई। हालांकि, बाद में इसे बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया। इमरजेंसी की स्थिति में ग्राहक 1 लाख रुपए तक निकाल सकते हैं।