कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की न्यायिक जांच होनी चाहिए। वह बृहस्पतिवार को लखनऊ में मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि धर्म के आधार पर किसी को भी नागरिकता देना संविधान सम्मत नहीं है। कांग्रेस की सरकारों ने भी श्रीलंका और अफ्रीका महाद्वीप से आए लोगों को नागरिकता दी पर ये फैसले धर्म के आधार पर नहीं लिए गए और न ही कोई ऐसा संशोधन किया गया जो कि संविधान की मूल भावना के खिलाफ हो। संविधान का आर्टिकल 14 सभी को समानता का अधिकार देता है। नागरिकता संशोधन कानून पूरी तरह इसके खिलाफ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस देश की विविधता को दिल से स्वीकार करना चाहिए सिर्फ नारे ही न लगाएं।
आनंद शर्मा ने कहा कि नागरिकता कानून का विवाद देश की मुख्य समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए खड़ा किया गया है। देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। नौकरिया नहीं हैं और उद्योग बंद हो रहे हैं ऐसे में वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए विवाद खड़ा किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह देश में पहली बार हो रहा है जब सवाल उठाने पर विपक्ष को देशद्रोही कहा जा रहा है। कांग्रेस को किसी से भी देशभक्ति के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।