जालंधर. जालंधर में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली एक बच्ची के साथ गलत हरकत के आरोप में पुलिस ने स्कूल बस के ड्राइवर और कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। मामला 22 दिन पुराना है। बच्ची की टेस्ट रिपोर्ट में यूरिन में खून मिला था। इस मामले में कार्रवाई डिस्ट्रिक चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट की शिकायत पर हुई है। बहरहाल दोनों से पूछताछ का क्रम जारी है और दूसरी ओर इस घटना के सामने आने के बाद इलाके के लोगों में रोष का माहौल है।
परिजनों के मुताबिक 28 नवंबर को स्कूल से छुट्टी के बाद बच्ची बस में घर लौटी थी। हमेशा हंसकर बातें करनी वाली बच्ची के चेहरे से हंसी गायब थी। फैमिली समझी कि बच्ची थक गई है तो कोई सवाल-जवाब नहीं किया। रात में बुखार हो गया। सुबह तक बुखार ठीक नहीं हुआ था। बच्ची को क्लीनिक में लेकर गए तो बच्ची ने कहा कि पेशाब करने में प्रॉब्लम आ रही है, इसलिए यूरीन टेस्ट करने के लिए भेज दिया गया। टेस्ट रिपोर्ट ने हैरान कर दिया। यूरीन में पस और खून आने के संकेत मिले थे। बच्ची के साथ कुछ गलत होने की आशंका को लेकर फैमिली सिविल अस्पताल आई। यहां डाॅक्टर ने बच्ची का चेकअप कर कहा था कि उसके साथ छेड़छाड़ हुई है।
बच्ची ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि टोपी वाले अंकल ने गंदी हरकत की। फैमिली बदनामी के डर से चुप रही, मगर दादा ने हिम्मत दिखाकर 14 दिसंबर को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर कॉल कर दी।
डिस्ट्रिक चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट की टीम तुंरत हरकत में आ गई। फैमिली शिकायत देने थाना रामा मंडी आई, लेकिन कहा कि वो एक बार सोचना चाहते हैं। डीसीपीयू को पता चला कि बच्ची के साथ गंदी हरकत बस में हुई थी। एरिया देहात पुलिस का है तो एसएसपी नवजोत माहल को शिकायत दे दी। पुलिस ने गुरुवार रात स्कूल बस के 25 साल के ड्राइवर हरप्रीत सिंह वासी नारंगपुर और 50 साल के कंडक्टर दलबीर सिंह वासी हरीपुर को गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी नवजोत सिंह माहल की मानें तो डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। एसएसपी एक विशेष जांच टीम इन्वेस्टिगेशन के लिए मैदान में उतारी थी। जांच में यह बात आ चुकी है कि बच्ची ने डाॅक्टर से कहा था कि बस में टोपी वाले अंकल ने गंदी हरकत की है। टीम ने सब से पहले रामा मंडी-होशियारपुर रोड स्थित प्राइवेट स्कूल में जाकर यह पता किया कि बच्ची किस बस में जाती थी। बस का ड्राइवर और कंडक्टर कौन है। पुलिस सबसे पहले जांच के दायरे में ड्राइवर हरप्रीत सिंह और कंडक्टर दलबीर सिंह को लेकर आई थी, क्योंकि यह क्लियर था कि बच्ची के साथ जो हुआ है, वह बस में ही हुआ था। गुरुवार देर रात तक दोनों आरोपी इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे थे कि बच्ची से उन्होंने गंदी हरकत की है।
इन्वेस्टिगेशन टीम बच्ची से मिलने उसके घर पहुंची। यहां पर टीम को बताया गया कि बच्ची अपनी मम्मी के साथ सिटी से बाहर गई है। दादा से टीम ने मुलाकात की, मगर उन्होंने कहा कि उनकी पोती के साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई। उनसे सवाल किया गया कि उन्होंने चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर कॉल क्यों की तो दादा के पास इसका कोई जबाव नहीं था। पुलिस बच्ची की मेडिकल जांच करवाना चाहती है।
बच्ची का इलाज करने की बजाय, चुप रहने की सलाह दे लौटाया था
बच्ची के साथ गंदी हरकत के मामले में बस ड्राइवर और कंडक्टर हवालात में पहुंच गए हैं। वहीं सिविल अस्पताल की सरकारी महिला डाॅक्टर ने अपनी जिम्मेदारी को ठीक से नहीं निभाया। महिला डाॅक्टर यह तो जान चुकी थी कि बच्ची के साथ गंदी हरकत हुई है, मगर बच्ची की फैमिली को हिम्मत देने की बजाय चुप रहने की सलाह दे डाली। इन्वेस्टिगेशन टीम अब सिविल अस्पताल की डाॅक्टर को भी जांच के दायरे में लेकर आएगी। डाॅक्टर जांच में सहयोग करती है तो पुलिस उसे सरकारी गवाह बनाएगी, वरना सख्त एक्शन लिया जाएगा।