राजस्थान / छह साल में जोधपुर रेल मंडल में 10 अफसरों ने किया 360 करोड़ रु का घोटाला, सीबीआई जांच शुरू |

जयपुर. राजस्थान में रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। जैसलमेर से सरकारी कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया को लाइम स्टोन (चूना पत्थर) पहुंचाने में उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल और राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (आरएसएमएमएल) के पांच-पांच अफसरों और माइनिंग काॅन्ट्रेक्टर ने हर साल 60 करोड़ रु. का घोटाला किया। छह साल से यह घोटाला होता रहा। यानी 360 करोड़ रुपए का घोटाला हो चुका है। छह महीने पहले यह घोटाला रेलवे की जानकारी में आया। रेलवे ने जांच सीबीआई को सौंप दी।

सीबीआई का कहना, इससे कहीं ज्यादा हो सकता है घपला

सीबीआई की अब तक की जांच में घोटाले की पुष्टि भी हो गई। सीबीआई सूत्रों की मुताबिक घोटाला इससे कहीं ज्यादा बड़ा हो सकता है। यह घोटाला वे-ब्रिज के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी कर किया गया है। वे-ब्रिज भार तौलने का सॉफ्टवेयर है। आरएसएमएमएल के लोडिंग कंट्रोलर ने ठेका कंपनी डिजिटल वेइंग सिस्टम के इंजीनियर को मुनाफे का लालच दिया। इंजीनियर ने सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ की। इससे वैगन में 75 टन माल भरने पर भी 90 टन रीड हुआ, तौला गया। जोधपुर मंडल के एक अफसर को पता भी चल गया। उसने भी ठेकेदार से मुनाफा आधा बांटने पर समझौता कर लिया। जिस इंजीनियर ने सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की, उसके पास जोधपुर मंडल के पांच और जयपुर मंडल का एक (जोबनेर) वे ब्रिज है। इससे जुड़े अफसर घोटाले में शामिल हो गए।

सेल को कम माल भेजकर ले रहे थे पूरा भुगतान

जैसलमेर से लाइम स्टोन लोडिंग कर स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) तक पहुंचाने के बीच यह घोटाला हुआ है। सेल वर्ष 2013 से खान विभाग से यह लाइम स्टोन ले रहा है। तब से माइंस विभाग के अधिकारी, ठेकेदार और रेलवे अधिकारी मिलीभगत कर सेल को कम माल भेजकर पूरा भुगतान ले रहे थे। ठेकेदार 58 डिब्बों की मालगाडी के प्रत्येक डिब्बे में 90 टन की बजाय 75 टन ही भेजता था। भुगतान पूरे 90 टन का लिया जाता था। ये खेल पिछले छह साल से चल रहा था, पिछले दिनों ही शिकायत मिलने पर जांच की गई, तो मामले का खुलासा हुआ।

घोटाले का पत्थर- ट्रैक है, फिर भी गोदाम तक ट्रकों से लाए चूना

सेल एवं आरएसएमएम के बीच 10 साल लाइम स्टोन खरीदने का कांट्रैक्ट हुआ। लाइम स्टोन मालगाड़ी के जरिए सेल तक पहुंचाया जा रहा था। रेलवे ने आरएसएमएम की माइंस तक रेलवे ट्रैक बिछा दिया था, इसके बावजूद माइंस से रेलवे गोदाम तक (करीब 60 किमी. दूर) ट्रकों से लदान कराया गया। यानी…यहां भी लदान घोटाला। आरएसएमएमएल ने माइंस से रेलवे के मालगोदाम तक माल पहुंचाने का काम निजी फर्म करणी ट्रेडर्स को दिया था। इसका मालिक बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद का भतीजा है। जितना माल माइंस से लाया जाता था, उतना माल ट्रेन में लोड नहीं किया जाता। सिस्टम और कागजों में तो माल पूरा सप्लाई किया जाता था। इससे सेल को हर महीने करीब 5 करोड़ रुपए का माल कम मिलता था। रेलवे और आरएसएमएम सेल से पूरे माल का भुगतान ले रहे थे। आरएसएमएम का ठेकेदार और रेलवे के अधिकारी मुनाफा बांट रहे थे।

जांच के बाद करेंगे कार्रवाई: रेलवे महाप्रबंधक

उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश ने कहा- मामला मेरी जानकारी में है। हमारी विजिलेंस विंग ने पहले इस मामले की विस्तृत जांच की, जिसमें बड़ा घोटाला सामने आया है। अब हमने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है। जांच पूरी होने के बाद दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Haryana 24x7

Overlook INDIA is one of the latest Hindi news portals through which you can get all updated local Delhi based, national and international news round the clock. In order to get more information, you may visit at overlook.co.in.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *