नई दिल्ली. निर्भया’ गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषी जिस तरह से कानून का सहारा लेकर बचने का प्रयास कर रहे हैं, उस पर निर्भया की मां ने दुख जताया है. निर्भया की मां ने कहा कि ‘दोषी किसी भी तरह से सजा से बचना चाहते हैं. दोषियों को लगता है कि वह इस तरह के हथकंडे अपना कर सजा से बच जाएंगे. उन्हें लगता है कि वह कोर्ट को किसी भी तरह से गुमराह कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. मुझे पूरे उम्मीद है कि कोर्ट दोषियों की सभी याचिकाओं को खारिज करेगी और निर्भया को इंसाफ मिलेगा.’
उधर निर्भया गैंगरेप में शामिल पवन गुप्ता की याचिका पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. दोषी पवन कुमार गुप्ता ने दावा किया कि है दिसंबर 2012 में जब ये अपराध हुआ था, तब वो नाबालिग था. मामले की सुनवाई के दौरान दोषी पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह ने इस पूरे मामले में नए दस्तावेज दाखिल करने का समय मांगा. कोर्ट ने इस मामले को 24 जनवरी 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया था. हालांकि बाद में अपना फैसला पलटते हुए कोर्ट आज ही सुनवाई करने को तैयार हो गया.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और मर्डर के मामले में दोषी करार अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है. निर्भया की मां ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वह अब अगले 24 घंटे में नेक्स्ट स्टेप को पूरा करने की मांग करती हैं. बता दें कि पिछले सात वर्षों से यह मामला कोर्ट चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब अक्षय के वकील एपी सिंह ने क्यूरेटिव पीटिशन दाखिल करने की बात कही है|
बता दें कि दिल्ली में सात साल पहले 16 दिसंबर 2012 की रात को एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया का सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बस से बाहर सड़क के किनारे फेंक दिया था. इस घटना की निर्ममता के बारे में जिसने भी पढ़ा-सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए. इस घटना के बाद पूरे देश में व्यापक प्रदर्शन हुए और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आंदोलन शुरू हो गया था.इस मामले के चार दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को मृत्युदंड सुनाया गया. एक अन्य दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था|