चंडीगढ़. सेक्टर-15 में बुधवार रात दो छात्रों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दोनों छात्रों पर 9 गाेलियां चलाईं गईं। हमलावर हत्या के केस में गवाही देने वाले की तलाश में आए थे। मौके पर नहीं मिलने पर दो दिन पहले ही पीजी में रहने आए दोनों छात्रों की हत्या कर दी। घटना के बाद आराेपी कार में बैठकर यूनिवर्सिटी की तरफ भाग निकले।
दोनों छात्रों की पहचान अजय और विनीत निवासी जींद के रूप में हुई। दोनों जीसीएम-11 काॅलेज के बीए फाइनल ईयर के छात्र थे। मकान मालिक श्रीराम ने पुलिस काे बताया कि उनके मकान के टाॅप फ्लाेर पर बच्चे किराए से रहते हैं। बुधवार रात 10 बजे 4 युवक आए और कमरे में गाेलियां चलाकर फरार हाे गए हैं। पुलिस माैके पर पहुंची ताे अंदर विनीत और अजय घायल अवस्था में पड़े थे। विनीत की छाती में गाेलियां लगी थीं, जबकि अजय के सिर के पिछली तरफ। पुलिस को मौके से 2 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए हैं। पुलिस दाेनाें छात्रों काे लेकर पीजीआई पहुंची, जहां डाॅक्टराें ने मृत घाेषित कर दिया।
गवाही देने वाले आशु नैन की तलाश में आए थे हत्यारे
पुलिस ने बताया कि हमलावर हत्या के केस में गवाही देने वाले आशु नैन की तलाश में आए थे। आशु इन दोनों छात्रों के साथ रहता था। घटना के वक्त वह कहीं बाहर गया था। बताया गया कि जब कमरे में गाेलियां चलीं तब अंदर तीसरा युवक माेहित भी था। उस पर काेई गाेली नहीं चली। पुलिस माेहित से पूछताछ कर रही है।
2 मिनट तक गोलियां चलाई
घटना के प्रत्यक्षदर्शी माेहित ने बताया कि जब हमलावर आए तब वह बैड पर बैठा था। चारों युवकों के हाथ में पिस्टल थी। उन्हें देख उसने रजाई सिर तक रख ली। हमलावरों ने विनीत और अजय से पूछा- आशु काैन है। उन्हाेंने कहा कि यहां नहीं है। बाद में आराेपियाें ने दाेनाें पर गाेलियां चला दीं। गाेलियां करीब 2 मिनट तक चली और फिर हमलावर भाग निकले।
49 में हुए कत्ल में गवाही का बदला लेने आए थे कातिल
पुलिस की जांच में सामने आया कि इस हत्याकांड के पीछे की वजह विशाल चिल्लर की मर्डर बताया जा रहा है। इसी साल 6 मार्च काे सेक्टर-49 के फ्लैट में घुसकर विशाल की गाेलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। विशाल तब सरकारी नाैकरी लगने पर चंडीगढ़ में आशु के पास पार्टी देने आया था। पुरानी मारपीट के चक्कर में सुदीप और नवीन उनकी हत्या करना चाहते थे। दरअसल, हत्या में पुलिस के दाे चश्मदीद गवाह थे आशु नैन और पंकज। उस दाैरान आराेपी आशु काे भी मारना चाहते थे, लेकिन वह बच गया था।