रायबरेली. उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में पेट्रोल डालकर जिंदा जलाई गई पीड़ित की मौत के तीन दिन बाद गैंगरेप के मामले में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। जिसमें शिवम त्रिवेदी व शुभम त्रिवेदी को दोषी ठहराया गया है। पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगईं ने कहा- दुष्कर्म व साक्ष्य मिटाने, धमकी देने के आरोप में सोमवार को चार्जशीट दाखिल की गई है। इस केस से हत्या के मामले से संबंध नहीं है।
एसपी स्वप्निल ममगईं ने बताया कि, आरोप पत्र में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को आधार बनाया गया है। जिसमें मोबाइल फोन का स्थान और मौजूदगी शामिल है, जिसमें कई लोगों द्वारा गवाही दी गई है। लड़की ने दिसंबर 2018 में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और मार्च में रायबरेली के लालगंज पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिस मामले रेप और साक्ष्य मिटाने धमकी देने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की गई है। 302 से इस केस का कोई लेना नहीं है। वह मामला उन्नाव का है।
तीन माह बाद कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था केस
उन्नाव जिले के बिहार थाना इलाके की एक युवती का गांव के शिवम त्रिवेदी से प्रेम संबंध था। शिवम ने उसका रायबरेली ले जाकर रेप किया और वीडियो बना लिया। इसके बाद लगातार रेप करता रहा। शादी का दबाव बनाया तो रायबरेली ले जाकर एक कमरे में रख दिया। यहां नजरबंद कर दिया। इसके बाद 12 दिसंबर 2018 को आरोपी शिवम अपने साथी शुभम त्रिवेदी के साथ आया। दोनों मंदिर में शादी कराने के बहाने ले गए और गैंगरेप किया। इस संबंध में पुलिस ने चार मार्च को कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया था। इसके बाद आरोपी शिवम को गिरफ्तार कर जेला भेजा गया, लेकिन घटना के एक साल बाद भी आरोपी शुभम पुलिस की पकड़ से बाहर रहा।
छह दिन पहले जलाकर मार दी गई पीड़ित
पांच दिसंबर को पीड़ित रायबरेली जाने के लिए घर से निकली थी। लेकिन रास्ते में उसे आग के हवाले कर दिया गया। पीड़ित ने मरने से पहले बयान दिया कि, शिवम व शुभम के अलावा तीन अन्य लोगों ने उसे आग लगा दिया। अगले दिन पीड़ित ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस मामले में पुलिस ने पांचों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा- यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा। जल्द ही इस मामले की चार्जशीट दाखिल होगी।