वाहन चालकों का कहना है कि पास्टैग को फास्टैग में तब्दील करवाने के बाद उन्हें पूरा टोल देना पड़ रहा है। रोजाना टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहन चालकों ने टोल भुगतान के लिए पासटैग बनवाया हुआ है।
पासटैग बनवाने के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करते थे। इससे वाहन चालकों को टोल भुगतान में 75 फीसदी तक की छूट मिल जाती थी। टोल प्रबंधन इसके लिए अलग पास जारी कर देता था जिसे चालक अपने वाहनों पर चस्पा कर देते थे। अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के टोल प्लाजा पर फास्टैग से टोल का भुगतान हो रहा है।
वाहन चालकों ने अब फास्टैग अपने वाहनों पर तो लगा लिया है, लेकिन इस फास्टैग में उन्हें पासटैग जैसी सुविधा कैसे मिलेगी इसकी जानकारी उन्हें नहीं मिल रही है। पासटैग समाप्त कर फास्टैग से भुगतान करने वाले वाहन चालकों को टोल का पूरा भुगतान करना पड़ रहा है।
प्रतिदिन 130 रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है
फास्टैग से यह राशि कट रही है। चालक विरेंद्र ने बताया कि वह महीने में 15 दिन गुरुग्राम आते हैं। हर बार आने-जाने में 130 रुपए देने पड़ते थे। ऐसे में उन्होंने पासटैग बनवा लिया था। पासटैग समाप्त होने पर उन्होंने गाड़ी पर फास्टैग लगवा लिया, लेकिन अब उन्हें प्रत्येक चक्कर पर आने-जाने के 130 रुपए टोल पर खर्च करने पड़ रहे हैं।
लोगों को जागरूक करने के लिए 20 टोल कर्मियों को लगाया : प्रोजेक्ट हेड
खेड़कीदौला टोल पर वाहन चालकों को फास्टैग के लिए जागरूक किया गया। खेड़कीदौला टोल के प्रोजेक्ट हेड राजेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि वाहनों के लिए फास्टैग लेन निर्धारित कर दी गई है। इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 20 टोल कर्मियों को लगाया गया है। यह टोलकर्मी बिना फास्टैग लगाए वाहन चालकों को पीछे से ही नकद लेन की तरफ जाने व टोल प्लाजा पर असुविधा से बचने के लिए वाहन पर फास्टैग लगवाने की अपील कर रहे हैं|