खेती को बढ़ावा देने और किसानों का बोझ कम करने के लिए हरियाणा सरकार ने प्रमाणित गेहूं बीज पर सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा की है। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम किसानों को प्रमाणित किस्मों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करेगा और कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा।
रविवार को मिली जानकारी के मुताबिक, नई बुवाई सीजन के लिए सब्सिडी ₹1,000 प्रति क्विंटल से बढ़ाकर ₹1,075 प्रति क्विंटल कर दी गई है। राज्य सरकार ने बताया कि प्रमाणित गेहूं बीज एचएसडीसी, एनएससी, हैफेड, एचएलआरडीएल, इफको, क्रिभको, एनएफएल और अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे। बीज का विक्रय मूल्य ₹3,000 प्रति क्विंटल तय किया गया है, जिससे किसानों को प्रति एकड़ लगभग ₹1,200 की लागत पड़ेगी।
एमएसपी और प्रोत्साहन से जुड़ा दाम
अधिकारियों ने बताया कि प्रमाणित बीज का मूल्य पिछले साल ₹2,875 प्रति क्विंटल था, जो इस बार ₹3,000 कर दिया गया है। यह वृद्धि गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में ₹150 की बढ़ोतरी और बीज उत्पादक किसानों को दिए गए अतिरिक्त ₹50 प्रोत्साहन के कारण की गई है।
सरकार का समर्थन, बोझ होगा कम
राज्य सरकार के बयान में कहा गया, “किसानों का आर्थिक बोझ कम करने के लिए सब्सिडी ₹1,000 से बढ़ाकर ₹1,075 प्रति क्विंटल की गई है। यह कदम समय पर बुवाई को बढ़ावा देगा, उच्च उत्पादकता वाली प्रमाणित किस्मों के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा और अंततः फसल उत्पादन व किसानों की आय में वृद्धि करेगा।”
हरियाणा में बड़े पैमाने पर गेहूं की खेती
हरियाणा में हर साल लगभग 60 से 62 लाख एकड़ में गेहूं की खेती की जाती है। सालाना 12 से 14 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों की बिक्री में से करीब 5.5 लाख क्विंटल बीज सरकारी एजेंसियों के माध्यम से वितरित किए जाते हैं, जबकि शेष निजी बीज उत्पादकों से आते हैं। किसान हितैषी नीतियों पर जोर देते हुए राज्य सरकार ने कहा कि वह ऐसी योजनाएं और सब्सिडी लाती रहेगी, जिससे हरियाणा देश के खाद्यान्न भंडार को मजबूत करने में अग्रणी बना रहे।