चंडीगढ़ – हरियाणा राज्य को जल्द ही पांच नए जिलों का तोहफा मिल सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस संबंध में गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति अपना अंतिम बैठक अगले सप्ताह करेगी, जिसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि समिति जिन पांच नए जिलों की सिफारिश करने जा रही है, उनमें हांसी, डबवाली, गोहाना, असंध और सफीदों शामिल हैं। फिलहाल हांसी और डबवाली पुलिस जिलों के रूप में कार्यरत हैं और क्रमशः हिसार व सिरसा जिलों का हिस्सा हैं। वहीं गोहाना सोनीपत, असंध करनाल और सफीदों जींद जिले का भाग हैं।
जिला बनाए जाने के लिए कई मानदंड होते हैं, जिनमें 10 लाख से अधिक की जनसंख्या, जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर से अधिक दूरी और तीन से चार तहसीलों की उपस्थिति शामिल है।
पंचायती राज मंत्री कृष्णलाल पंवार की अध्यक्षता में यह उप-समिति 4 दिसंबर 2024 को गठित की गई थी। समिति में नगरीय स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा भी सदस्य हैं। समिति का कार्यकाल पहले 4 मार्च 2025 तक था जिसे बढ़ाकर 30 जून 2025 तक कर दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि वह इन नए जिलों का गठन कर सकती है। पार्टी ने 27 जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति की थी, जिसमें गोहाना, हांसी और डबवाली जैसे स्थान शामिल थे।
हालांकि, मानेसर को भी जिला बनाने की मांग विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा की जा रही है, लेकिन वर्तमान समिति ने अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है। सूत्रों के अनुसार मानेसर को फिलहाल इस सूची में शामिल नहीं किया गया है।
फिलहाल हरियाणा में 22 जिले हैं जिनमें अंबाला, भिवानी, कुरुक्षेत्र, महेन्द्रगढ़, करनाल, चरखी दादरी, नूंह, पलवल, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, पानीपत, सोनीपत, हिसार, रेवाड़ी, रोहतक, झज्जर, जींद, सिरसा, यमुनानगर और कैथल शामिल हैं।
राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि नए जिले बनाने अथवा वर्तमान जिलों में परिवर्तन करने का अधिकार राज्य सरकार के पास है। यह कार्य या तो विधानसभा में विधेयक पारित कर या कार्यपालिका आदेश द्वारा किया जा सकता है। नए जिलों का गठन मुख्य रूप से प्रशासनिक सुगमता, सुशासन में सुधार, समर्पित विकास और राजनीतिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाता है।