तीस हजारी पुलिस-वकील झड़प मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की एसआईटी ने बवाल के दौरान मौके पर गए जजों से पूछताछ व उनके बयान दर्ज करने की अनुमति हाईकोर्ट से मांगी है।
एसआईटी प्रमुख डॉ. जॉय टिर्की ने इस बाबत हाईकोर्ट को पत्र लिखा है। जिला व सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।
एसआईटी के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद ही जजों के बयान दर्ज किए जाएंगे। पुलिस मान रही है कि इस मामले में न्यायाधीशों के बयान अहम होंगे और तफ्तीश एक मोड़ ले सकती है। दूसरी तरफ एसआईटी की जांच में अभी तक यह बात सामने आई है कि तीस हजार बवाल की अहम वजह वकीलों की पिटाई की अफवाह फैलना था।
पुलिस ने जिन लोगों से पूछताछ की है उन लोगों ने भी बवाल की वजह अफवाह बताई है। बवाल शुरू होने से पहले सोशल मीडिया व वकीलों में अफवाह फैल गई थी कि पुलिस ने वकीलों को लॉक अप के अंदर बंद करके मारा है।
वकीलों को लॉक अप में बंद किया हुआ है। जैसे-जैसे अफवाह बढ़ती चली गई वैसे-वैसे वकील लॉक अप के पास एकत्रित होते चले गए। इससे वकीलों में गुस्सा बढ़ता गया था। एसआईटी अभी तक करीब 125 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है।
एसआईटी प्रमुख डा. जॉय टिर्की की देखेरख में एसीपी अरविंद कुमार व इंस्पेक्टर सतीश कुमार की टीम जांच कर रही है। एसआईटी ने घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मी, वकील व कोर्ट में आए लोगों से मोबाइल रिकार्डिंग देने की अपील की है। मोबाइल रिकार्डिंग अपने मोबाइल से बवाल के दौरान बनाई हो।
एसआईटी के एक सदस्य ने बताया कि ऐसे करीब पांच लोगों ने एसआईटी को मोबाइल रिकार्डिंग दी है। इन रिकार्डिंग को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। एसआईटी ने मौके पर मौजूद इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया से भी बवाल की रिकार्डिंग व फोटो देने की अपील की है।