दिल्ली में पानी की शुद्धता का विवाद जो अब तक सड़कों पर था, वह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। आरओ कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में एनजीटी के एक आदेश के खिलाफ याचिका डाली है। एनजीटी ने अपने आदेश में कई जगह आरओ के इस्तेमाल पर रोक लगाई है, जिसके खिलाफ कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है।
इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि आरओ निर्माता 10 दिन के भीतर सरकार के सामने अपनी बात रखें। अदालत ने ये भी कहा कि सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना है कि वह एनजीटी के आदेश और आरओ निर्माताओं की बातों का भी ध्यान रखें।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश में किसी तरह का हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के उन क्षेत्रों में आरओ फिल्टर का इस्तेमाल नहीं होगा जहां पानी में कुल घुले ठोस पदार्थों(टीडीएस) की गिनती 500 से कम होगी। इसके साथ ही अदालत ने आरओ निर्माताओं को अपनी बात लेकर सरकार के पास जाने का आदेश दिया है।
स खबर के सामने आते ही आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर सीधे-सीधे खाद्य मंत्री राम विलास पासवान पर आरओ कंपनियों से डील होने का आरोप लगाया है। संजय सिंह ने राम विलास पासवान के एक ट्वीट पर उत्तर देते हुए कहा कि, ‘अब असली दर्द निकला बाहर मंत्री जी RO कम्पनी से क्या डील हुई है बता दो?’