महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को जो भक्त शिवजी का अभिषेक, व्रत और उपवास करता है उनसे प्रभु जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। महाशिवरात्रि पर ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रात: 9:55 बजे तक का समय पूजा के लिए अति उत्तम है। महाशिवरात्रि पर आज सुबह से ही शिवालयों में बम भोले के जयकारे गूंजना शुरू हो गए।
विधि –
गंगाजल, चंदन, भस्म दूध, दही, शहद, कलावा, वस्त्र, जनेऊ, अक्षत, बेलपत्र, पुष्प माला, धतूरा भांग, भोग के लिए सफेद बर्फी, फल, नारियल, मेवा, दीपक, कपूर आदि। संकल्प के उपरांत भगवान शिव-पार्वती, श्रीगणेश, कार्तिकेय और नंदी को गंगाजल से स्नान कराएं। चंदन अक्षत से तिलक करें। पुष्पमाला, वस्त्र, जनेऊ आदि से सभी का षोडशोपचार पूजन करें। भगवान शिव का पंचामृत से रुद्राभिषेक करें।