निजी स्कूलों में 134ए के तहत दाखिला प्रक्रिया अब रफ्तार पकड़ेगी। स्कूलों की पुरानी फीस देने की मांग को शिक्षा विभाग ने मान लिया है। इसके साथ ही प्रदेश के 1050 स्कूलों के 13.60 करोड़ रुपये देने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। विभाग की ओर से जारी सूची के अनुसार, करनाल के 93 स्कूलों को 1.65 करोड़ रुपये मिलेंगे। ये पैसा पिछले सत्र में पढ़ रहे 2437 विद्यार्थियों की फीस के रूप में दिया जा रहा है। ऐसे में अभिभावकों में भी अब दाखिले मिलने की उम्मीद जगी है।
हालांकि मंगलवार को सूची जारी होने के बाद भी निजी स्कूलों का रुख नहीं बदला है। स्कूल अभी दाखिलों को लेकर आनाकानी कर रहे हैं। निजी स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि जब तक फीस की राशि खातों में नहीं आ जाती, तब तक दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं करेंगे। इधर, शिक्षा विभाग का दावा है कि जल्द खातों में पैसे आ जाएंगे। मंगलवार को भी अभिभावक निजी स्कूलों और शिक्षा विभाग के कार्यालयों का चक्कर काटते दिखे। कुछ अभिभावक खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंचे तो कुछ जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय, जहां उन्हें सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला। जिले के सभी छह खंडों के 361 स्कूलों में 134ए के तहत 2765 विद्यार्थियों को स्कूल आवंटित हुए हैं।
500 से 700 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से होगा भुगतान
विभाग की ओर से प्रति विद्यार्थी के हिसाब से फीस का भुगतान स्कूलों को किया जा रहा है। जिले में कक्षा दूसरी से आठवीं तक ग्रामीण क्षेत्र में 552 और शहरी क्षेत्र में 1885 विद्यार्थी 93 स्कूलों में पढ़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में कक्षा दूसरी से पांचवीं तक 300 रुपये प्रति विद्यार्थी और कक्षा छठी से आठवीं तक 500 रुपये प्रति विद्यार्थी के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। इसी तरह शहरी क्षेत्र के स्कूलों के कक्षा दूसरी से पांचवीं तक 500 रुपये और कक्षा छठी से आठवीं तक 700 रुपये प्रति विद्यार्थी के हिसाब से फीस मिलेगी।
स्कूल 231 हैं और सूची केवल 93 की ही जारी हुई
सहोदय स्कूल कांप्लेक्स के अध्यक्ष डॉ. राजन लांबा का कहना है कि जिले के 231 स्कूलों में नियम 134ए के तहत विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, लेकिन फीस की राशि सभी को नहीं दी जा रही है। विभाग की ओर से जारी सूची में केवल 93 स्कूल ही शामिल हैं। ये स्कूल कौन से हैं, अभी इनका कुछ नहीं पता। जो पैसा अब जारी हुआ है, यदि ये पहले जारी हो जाता, तो अभिभावक परेशान नहीं होते।
जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया था उनका ही होगा भुगतान
जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी का कहना है कि पिछले सत्र की फीस का भुगतान के लिए विभाग ने स्कूलों से ब्यौरा मांगा था। कुल 231 स्कूलों में से 115 ने ही ब्यौरा दर्ज किया था। इनमें से भी बैंक खाते 93 के सत्यापित हुए थे।