शहर के चौराहों के पुराने ट्रैफिक सिग्ननल को स्मार्ट सिग्नल में तब्दील किया जाएगा। इसके लिए गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिटी (जीएमडीए) ने तैयारी शुरू कर दी है।
फिलहाल शहर में हुडा सिटी सेंटर से सुभाष चौक सड़क पर छह और एमडीआइ चौक, हीरो होंडा चौक, सेक्टर 22, रामपुरा चौक और दरबारीपुर रोड सहित कुल 11 जगहों की ट्रैफिक लाइटों को स्मार्ट सिग्नल में तब्दील कर दिया गया है। इन ट्रैफिक लाइटों को आप्टीकल फाइबल केबल के जरिए सीसीटीवी कैमरों के साथ भी जोड़ा गया है। जीएमडीए के सेक्टर 44 स्थित कंट्रोल रूम से ट्रैफिक की निगरानी के साथ ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को ई चालान भी भेजे जाने लगे हैं। बता दें कि स्मार्ट ट्रैफिक लाइटों में जापानी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। पूरे शहर के चौराहों पर जल्द इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करने की तैयारी की जा रही है।
कुल 85 चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें लगी हुई हैं। इसमें 74 चौराहों पर पुरानी ट्रैफिक लाइट लगी हुई हैं, जिनमें टाइमर लगा होता है। सेकेंड और मिनट को सेट कर दिया जाता है, जिससे सिग्नल उसी हिसाब से काम करते हैं। ज्यादातर शहरों में टाइमर ट्रैफिक लाइट ही लगी हुई है, लेकिन कई बाहरी देशों में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम ट्रैफिक को कंट्रोल करता है। इसी तर्ज पर अब गुरुग्राम में भी नई लाइटें लगाने की योजना है।
क्या है इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
इस सिस्टम में चौराहे की लाइटें सेंसर और कैमरों से कंट्रोल होती हैं। वाहन की उपस्थिति व अन्य स्मार्ट सिस्टम के जरिये ट्रैफिक लाइटें कंट्रोल होती हैं। इसमें पुरानी टाइमर लगी ट्रैफिक लाइटों की तरह चौराहों पर ट्रैफिक को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नई तकनीक में जैसे ही सामने की लेन पर ट्रैफिक कम या बिल्कुल नहीं होगा, वहां ग्रीन सिग्नल हो जाएगा। पुरानी लाइटों में सामने की सड़क पर ट्रैफिक नहीं होने की स्थिति में भी लाइट में सेट किए गए टाइम तक ट्रैफिक को चौराहे पर इंतजार करना पड़ता है।
सड़कों पर रहता है ट्रैफिक का दबाव
शहर में लाखों वाहन हैं और करीब 50 हजार से ज्यादा टैक्सी गुरुग्राम की सड़कों से रोजाना गुजरती है। शहर में बढ़ते ट्रैफिक लोड और जाम के कारण सफर में ही कई घंटे बर्बाद हो जाते हैं। अगर इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम कामयाब रहा तो चौराहों पर ग्रीन सिग्नल के लिए वाहन चालकों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।