पराली न जलाने वाले किसानों को मिलेगी 1 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि

अगर आप सुबह की सैर पर जाते हैं, तो जरा ठहरिये,  कहीं सुबह की हवा आपके जान पर भारी न पड़ जाए। क्योंकि सुबह की हवा में अब घुलने लगा है जहर! बिलकुल सही सुना, मगर यह हम नहीं कह रहे बल्कि वायु गुणवता सूचकांक के वो आंकड़े कह रहे हैं जिन्हें देख कर आप यकीनन सुबह की सैर भूल जाएंगे। दरअसल धान की कटाई के बाद बचे अवशेषों को किसानों द्वारा आग लगाई जा रही है, हरियाणा और साथ लगते पंजाब के इलाकों में बड़े पैमाने पर पराली में आग लगाई जा रही है और यह देर शाम के वक्त किया जा रहा है

, जिससे शाम को हवा में बड़े पैमाने पर प्रदूषण घुल रहा है। देर शाम और सुबह की वायु गुणवता सूचकांक यानि एक्यूआई 300 के पार चला जाता है और दोपहर आते आते हवा के साथ यह 250 के करीब रह जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि हवा में किस कदर जहर घुलने लगा है, जानकारों और हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो यह हवा किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए ठीक नहीं है।

वहीं प्रशासन बार-बार किसानों से अपील कर रहा है कि धान की पराली को आग न लगाएं, बल्कि इसका ठीक ढंग से प्रबंधन करें। जरूरी साधन और संसाधन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। फतेहाबाद के डीसी ने बताया कि इसके लिए उन किसानों को 1 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी जो पराली को आग न लगाकर उसका सही प्रबंध करेंगे।

बतां कि अभी तक 60 प्रतिशत से अधिक फसल खेतों में खड़ी है और अभी यह हाल हो गया तो आने वाले दिनों में हालत क्या होगा अंदाजा लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है।

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