गठबंधन सरकार के 14 नेता एडजस्ट:भाजपा के 8, जजपा के 5 नेता और एक निर्दलीय को बनाया चेयरमैन; बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बराला, बबीता समेत आठ को मिले पद

  • बादहशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद को भी सरकार ने चेयरमैनी दी
  • सबसे ज्यादा विधायकों, चुनाव हारने वालों और टिकट न मिलने वालों को जिम्मेदारी दी गई

 

बरोदा उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने 14 नेताओं को बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी दी है, वहीं एक को वाइस चेयरमैन बनाया गया है। इसमें सबसे ज्यादा विधायकों, चुनाव हारने वालों और टिकट न मिलने वालों को जिम्मेदारी दी गई हैं। चेयरमैन बनने वालों में आठ नेता भाजपा के हैं, जबकि गठबंधन की सहयोगी जजपा के भी 5 नेताओं को जगह मिली है।

चेयरमैन बनने वालों में बड़े नामों की बात करें तो इसमें भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला और हाल ही में खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर का पद छोड़ने वाली ओलिंपियन बबीता फौगाट का नाम शामिल है। जजपा लगातार अपने विधायकों को एडजस्ट करने का दबाव भाजपा पर बना रही थी।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और अनूप धानक पहले ही मंत्री हैं। ऐसे में दस में से तीन विधायक बाकी रह गए हैं। इनमें दुष्यंत की मां नैना चौटाला, रामकुमार गौतम और देवेंद्र बबली हैं। वहीं, सरकार को समर्थन देने वाले बादहशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद को भी सरकार ने चेयरमैनी दी है। छह निर्दलीय को पद मिल चुके हैं।

जानिए किसके कोटे से किसे क्या और क्याें मिला

भाजपा के इन नेताओं को ओहदा
1. सुभाष बराला : सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो

क्योंकि: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। सीएम के करीबी हैं। चर्चा यह भी थी कि सीएम उन्हें अध्यक्ष बनवाए रखना चाहते थे।

2. कैलाश भगत : हैफेड
क्योंकि: कैलाश कैथल से हैं। विधानसभा चुनाव के वक्त भाजपा में आए थे, लेकिन लीलाराम को टिकट मिला था।

3. निर्मल बैरागी: पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम
क्योंकि: ये सीएम सिटी करनाल से हैं और सीएम से नजदीकी भी हैं। भाजपा की महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष भी हैं।

4. रामनिवास गर्ग : व्यापारी कल्याण बोर्ड
क्योंकि: ये यमुनानगर से हैं। इसी बोर्ड के सदस्य हैं। विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार थे और टिकट नहीं मिली थी, इसलिए यह जिम्मेदारी दी गई है।

5. अरविंद यादव : हरको बैंक
क्योंकि: ये रेवाड़ी से हैं और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं। अब प्रदेश अध्यक्ष बदले तो इनकी किस्मत चमक गई।

6. मुकेश गौड़ : हरियाणा युवा आयोग
क्योंकि: भिवानी से हैं और युवा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। अभी प्रदेश सचिव हैं। तोशाम से टिकट के दावेदार थे।

7. जगदीश नैय्यर: भूमि सुविधा व विकास निगम
क्योंकि: होडल से विधायक हैं। मंत्रिमंडल का गठन हुआ तब चर्चा में थे, लेकिन नहीं बन पाए थे। इसलिए अब चेयरमैन बनाया है।

8. बबीता फौगाट : महिला विकास निगम
क्योंकि: भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री हैं। सोशल मीडिया पर खुलकर पक्ष रखती हैं।

9. धूमन किरमच: सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के उपप्रधान
क्योंकि: भाजपा के कुरुक्षेत्र जिला अध्यक्ष रहे हैं। लाेकसभा चुनाव के लिए टिकट चाह रहे थे, नहीं मिली। अब संतुष्ट किए गए।

जेजेपी : विरोध और भारोसे के चलते पांच को मिली चेयरमैनी

1. जोगीराम सिहाग : हाउसिंग बोर्ड हरियाणा
क्योंकि: बरवाला से विधायक हैं। नाराजगी भी जाहिर कर चुके थे। कृषि बिलों को लेकर किसानों के प्रदर्शन में भी समर्थन देने गए थे।

2. रामकरण काला : शुगरफैड
क्योंकि:शाहबाद विधायक हैं। पार्टी के विश्वसनीय नेताओं में से एक हैं।

3. रामनिवास सुरजाखेड़ा : खादी-ग्रामोद्योग
क्योंकि:नरवाना से विधायक हैं। कर्मचारी नेता भी रहे हैं। जींद पर पार्टी का फोकस रहता है, इसलिए जिम्मेदारी मिलनी तय थी।

4. रणधीर सिंह : हरियाणा डेयरी विकास संघ
क्योंकि: गुहला-चीका से विधायक डॉ. ईश्वर सिंह के बेटे हैं। ईश्वर विधायक दल के उपनेता हैं।

5. पवन खरखौदा: अनु. जाति वित्त विकास निगम

क्योंकि: 2019 में जेजेपी टिकट पर खरखौदा से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे और पार्टी के विश्वसनीय नेता हैं।

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