कुरुक्षेत्र के पिपली में 10 सितंबर को किसानों पर हुए लाठीचार्ज को सीएम मनोहर लाल ने सेल्फ डिफेंस (आत्मरक्षा) में उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने साफ कह दिया कि पिपली में कुछ लोगों पर लाठी चली और उसे लाठीचार्ज नहीं कहा जा सकता। चूंकि यह सेल्फ डिफेंस में उठाया गया कदम था। इसलिए इसे लाठीचार्ज नहीं कहा जा सकता। इस पर चर्चा की जा सकती है। विपक्ष इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रहा है। बता दें कि इस मुद्दे पर भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा का अलग स्टैंड है।
सादी वर्दी वाले सीआइए के जवान ने बचाव में चलाई थी लाठी
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मुख्यमंत्री ने यह बयान देकर साफ कर दिया है कि पिपली में किसानों पर कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ। प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज शुरू से ही कह रहे हैं कि पुलिस ने किसी किसान पर लाठी नहीं चलाई। इसलिए इसकी जांच का सवाल ही पैदा नहीं होता। हालांकि भाजपा गठबंधन की सहयोगी जननायक जनता पार्टी लाठीचार्ज पर किसानों से माफी मांग चुकी है। दिग्विजय चौटाला तो इसकी जांच की मांग कर चुके हैं, जबकि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मंत्रणा कर चुके हैं।
भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह, बृजेंद्र सिंह और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सहित कई भाजपा नेता भी लाठीचार्ज की निंदा कर चुके हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कु. सैलजा, कुलदीप बिश्नोई, रणदीप सिंह सुरजेवाला, किरण चौधरी और इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला पहले ही लाठीचार्ज की निंदा कर चुके हैं।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के बाद अब सीएम द्वारा भी लाठीचार्ज से इन्कार करने के बाद साफ हो गया है कि भाजपा सरकार का इस मामले पर स्टैंड स्पष्ट है। सरकार का मानना है कि पुलिस ने किसानों पर लाठियां नहीं चलाई। दोनों पार्टियों भाजपा व जजपा के अलग-अलग स्टैंड ने दुविधा और बढ़ा दी है।