जानें क्‍या है पूरा मामला -“हरियाणा की महिला IAS अफसर काे त्रिपुरा बुलाने पर अड़ी वहां की सरकार”

चंडीगड़ –२००८ बैच की सीनियर आईएएस अधिकारी सोनल गोयल सिविल सर्विस परीक्षाओं में देश भर में 13वें स्थान पर रहीं |  इनपर  त्रिपुरा काडर में लौटने का भारी दबाव है। सोनल गोयल मूल रूप से हरियाणा के पानीपत की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी सर्विस के आठ साल त्रिपुरा में सेवाएं दी हैं। नियम के अनुसार सोनल नौ साल तक हरियाणा में रह सकती हैं और उन्हें यहां अभी सिर्फ चार साल हुए हैं, लेकिन त्रिपुरा सरकार उन पर पांच साल पहले ही अपने काडर में लौटने का दबाव बना रही है|

हरियाणा में सुकन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं में बेहतर क्रियान्वयन के लिए उन्हें अवार्ड मिले हैं। साथ ही मिनिस्ट्री ऑफ रूलर डेवलपमेंट भारत सरकार की तरफ से सोनल गोयल को नेशनल मनरेगा अवार्ड से नवाजा गया है। गोयल के प्रयासों के चलते हरियाणा में आंगनबाड़ी सेंटर की दशा में सुधार हुए और बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई। हालांकि इस बारे में जब सोनल से बात की गई तो उन्होंने सरकारी सर्विस की सीमाओं का हवाला देते हुए किसी तरह की टिप्पणी से इन्कार कर दिया है|

सोशल मीडिया पर सोनल गोयल के सात लाख से अधिक फालोअर्स हैं। पिछले कई दिनों से उनके केंद्र में जाने की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन त्रिपुरा सरकार द्वारा उन्हें समय से पहले ही अपने काडर में वापस बुला लिए जाने से इस बड़े अवसर पर भी ग्रहण लग गया। सोनल गोयल का नाम देश की उन टॉप 25 महिलाओं में शामिल है, जो देश, समाज और प्रदेश के लिए कुछ बेहतरीन करना चाहती हैं। इन टॉप 25 महिलाओं में सोनल गोयल एक मात्र आइएएस हैं, जबकि अन्य महिलायें दूसरे क्षेत्रों से हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में बेहतर काम करने के लिए उन्हें मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट की तरफ से पुरस्कृत किया गया था।

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