करीब नौ महीनों से दुनिया कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप झेल रही है और लगातार इस वायरस के बारे में रिसर्च का सिलसिला जारी है. कोविड 19 रोग का कारण बने इस वायरस के बारे में अब यह पता लगाया जा रहा है कि यह बोलने और गाने से कितना या किस तरह फैल सकता है. दो ताज़ा अध्ययनों (Study on Corona) में यह देखा गया कि बोलने और गाने के दौरान मुंह से जो सूक्ष्म कण (Aerosol) निकलते हैं, उनका क्या पैटर्न है और किसी कोरोना पॉज़िटिव (Corona Positive) के बोलने या गाने से किस तरह संक्रमण फैल सकता है.
स्वीडन के शोधकर्ताओं ने कोविड 19 पॉज़िटिव और 12 निगेटिव यानी स्वस्थ लोगों पर परीक्षण किया, जिनमें से आधे लोग प्रोफेशनल ओपेरा गायक थे. पॉज़िटिव और निगेटिव लोग जब बात करते हैं या गाते हैं, तो किस तरह वातावरण में सूक्ष्म कण फैल जाते हैं, यह देखने के लिए इन सभी लोगों को बारी बारी एक चैंबर में बोलने और गाने को कहा गया.
इस तरह की स्टडीज़ में बड़े रोचक और काम के पहलू सामने आए हैं. क्या आप यह अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किस तरह के शब्दों या अक्षरों से ज़्यादा सूक्ष्म कण हमारे मुंह से निकलते हैं, और किन अक्षरों को बोलने से कम?