कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग ने सरकारी अाैर निजी आईटीआई (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) के प्रिंसिपल्स को आईटीआई खोलने के लिए पत्र जारी कर पीटीएम (पेरेंट टीचर मीटिंग्स) करने की बात कही है। आईटीआई छात्रों के अभिभावकों के अलावा स्थानीय प्रशासन से भी विचार-विमर्श कर शुक्रवार तक विस्तृत टिप्पणी के साथ विभाग को ई-मेल पर भेजने का निर्देश दिया है। बता दें कि प्रदेश के 172 सरकारी और 246 निजी आईटीआई मार्च में लॉकडाउन से ही बंद हैं। कैंट के मूलचंद आईटीआई के प्रिंसिपल प्रदीप गुप्ता ने बताया कि सरकार आईटीआई खोलने पर विचार कर रही है, लेकिन मौजूदा स्थितियों में यह थोड़ा कठिन है।
छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सरकार विशेष बजट अलाॅट करे : डिस्ट्रिक्ट आईटीआई के नोडल अधिकारी भूपेंद्र सांगवान का कहना है कि संस्थान खोलने से पहले गाइडलाइन आनी जरूरी हैं। मुख्य मुद्दा ये है कि आप संस्थान आने वाले छात्रों की स्वास्थ्य जांच कैसे करेंगे। इसके लिए आपको मैनपावर के साथ अन्य उपकरणाें की जरूरत भी पड़ेगी। इसलिए सरकार को स्पेशल बजट अलॉट करना चाहिए। वैसे, शिक्षण संस्थानों में डॉक्टर नियुक्त करना मुश्किल है। इसके स्थान पर मेडिकली ट्रेंड 3 लोग जरूर होने चाहिए जो रैंडमली छात्रों की स्क्रीनिंग कर सकें। संस्थानों में आने वाले छात्रों की स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। इसे संस्थानों के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए।