नई दिल्ली, निर्भया केस : देश को झकझोर देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड के गुनहगार फांसी के तख्ते के और करीब पहुंच गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पहले से ही दोषियों की तरफ से दायर की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर चुका है। अब दोषी सिर्फ राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका के जरिये उन्हें माफ किए जाने पर ही फांसी के फंदे से बच सकते है अन्यथा उनकी मौत की सजा तय है।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों को 29 अक्टूबर को इस संबंध में नोटिस देकर बता दिया कि उनके पास फांसी की सजा को रोकने के लिए राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर करने के लिए 5 नवंबर तक का समय है। जेल प्रशासन ने सभी आरोपियों को नोटिस को हिंदी व अंग्रेजी में पढ़कर सुनाया था और इसका वीडियो भी बनाया गया था। जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि यदि दोषियों की ओर से दया याचिका दायर नहीं की जाती है तो जेल प्रशासन पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर चारों कैदियों के नाम से डेथ वारंट जारी करने की मांग करेगा।
नोटिस से जुड़ी प्रक्रिया के बाद चारों कैदियों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इसके अलावा कड़ी निगरानी रखी जा रही है। यह नोटिस उन सभी जेल अधीक्षकों को जारी की गई है जिनमें दोषी बंद हैं। जेल प्रशासन के अनुसार अभी तक किसी भी दोषी की ओर से जेल प्रशासन को इस बात की सूचना नहीं दी गई है कि उनकी ओर से दया याचिका दायर की गई है। गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को वसंत विहार इलाके में दरिंदों ने युवती से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था। वारदात के बाद उसे और उसके दोस्त को चलती बस से फेंक दिया था। युवती को बचाने के लिए दिल्ली से सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी।
16 दिसंबर को ही दी जाए दरिंदों को फांसी
निर्भया की मां ने जेल प्रशासन की तरफ से निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे तक ले जाने की प्रक्रिया को शुरू करने का का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि करीब एक वर्ष से पटियाला हाउस कोर्ट में वे इस बात को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं कि आखिर इस मामले में दोषियों को फांसी क्यों नहीं दी जा रही है। यह सुनवाई अभी भी चल रही है। भले ही सुनवाई अभी चल रही है, लेकिन इस बीच जेल प्रशासन द्वारा जारी किया यह नोटिस मन को थोड़ी तसल्ली जरूर दे रहा है। उम्मीद कर सकती हूं कि 16 दिसंबर के दिन ही दोषियों को फांसी के तख्ते पर लटकाया जाए ताकि समाज में बेटियों पर बुरी नजर रखने वाले लोगों के बीच एक संदेश जाए।