नई दिल्ली : दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत में वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक बना हुआ है। शुक्रवार सुबह दिल्ली के लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 500 तो पीएम 10 का स्तर भी 500 पर आ गया है। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद खतरनाक है। वहीं, बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली के स्कूलों में छुट्टी की मांग भी उठने लगी है।
सांस के मरीजों में इजाफा
प्रदूषण बढ़ने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। आंखों में जलन व गले में एलर्जी से करीब हर कोई परेशान है। डॉक्टर कहते हैं कि ओपीडी में 30 से 40 फीसद सांस के मरीज बढ़े हैं। वहीं अस्पतालों में 15 फीसद तक मरीजों के दाखिले बढ़ गए हैं। सांस की पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगो को अस्थमा के अटैक से पीड़ित होकर इमरजेंसी में पहुंच रहे हैं। जिन्हें नेब्यूलाइज की जरूरत पड़ रही है।
गंगाराम अस्पताल के श्वाश रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुप बासु ने कहा कि सांस के पुराने मरीजों की बीमारियां बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण बढ़ने पर पीएम (पार्टिकुलेट मैटर)-2.5 व पीएम-10 जैसे सूक्ष्म कण सांस के जरिये शरीर में प्रवेश करते हैं। इस वजह से फेफड़े में संक्रमण होने के कारण अस्थमा व ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां होती हैं। पीएम-2.5 फफड़े से ब्लड में पहुंच जाता है। उन्होंने कहा कि ओपीडी में सांस के मरीजों की संख्या में 35-40 फीसद बढ़ोतरी हुई है। लोकनायक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की प्रभारी डॉ. ऋतु सक्सेना ने कहा कि इमरजेंसी में 15 फीसद तक मरीज बढ़ गए हैं।
वहीं एम्स के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉ. करण मदान ने कहा कि बुजुर्ग व बच्चों के अलवा युवा भी सांस की बीमारियों से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
अपोलो अस्पताल में कार्यरत इंटरनल मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. सुरनजीत चटर्जी ने बताया कि लोगों को अभी कोशिश करनी चाहिए की अधिक से अधिक समय तक घर में ही रहें। बाहर ज्यादा न निकलें। सुबह व शाम में सैर बिल्कुल न करें। क्योंकि सुबह व शाम को प्रदूषण अधिक रहता है।