दिल्ली दंगे पर सदन में चर्चा हो रही है। राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि पहले कहा गया यह दंगा अचानक हुआ, लेकिन मुझे कल पता चला कि यह षड़यंत्र के तहत हुआ। यह भी पता चला कि इसके लिए दिल्ली के बाहर से लोग आए। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि दंगे के दौरान हिंसा करने वालों का साथ दे रही थी।
उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप जो वायरस आप फैला रहे हैं उसकी दवाई हम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उज्ज्वला योजना में जो गैस सिलेंडर मिले थे, उनमें आग लगाकर दंगाई लोगों के घरों में फेंक रहे थे।
सिब्बल ने कहा कि 26 फरवरी को 85 साल के बुजुर्ग को तीसरे फ्लोर पर जिंदा जला दिया गया। करवाल नगर में दो लोगों को रोका गया। दोनों चुप रहे। फिर उसके कपड़े उतारे गए और मार दिया गया। मोहम्मद अख्तर का सारा घर जला दिया गया। मेरे पास 40 लोगों की मौत के आंकड़े हैं, जिसके मुताबिक 32 एक और आठ दूसरे समुदाय के लोग हैं।
कपिल सिब्बल यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि बालाकोट में आपने सर्जिकल स्ट्राइक किया वह सही था, लेकिन अपने लोगों पर क्यों कर रहे हैं। अपनी जनता पर सर्जिकल स्ट्राइक मत करो। उन्होंने प्रधानमंत्री पर भी 70 घंटों तक चुप रहने का आरोप लगाया है।
अमित शाह ने कल लोकसभा में दिया था जवाब
गृहमंत्री ने कल (बुधवार को) कहा कि हम जनवरी के बाद से दिल्ली में हवाला के जरिये आने वाली राशि का मूल्यांकन कर रहे हैं। इसमें तीन लोगों को दंगों का वित्त पोषण करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में आईएस से जुड़े दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि 300 से ज्यादा लोग उत्तरप्रदेश से आए थे जो गहरी साजिश की ओर संकेत देता है।
एआईएमआईएम के असादुद्दीन औवैसी के सवालों पर शाह ने कहा कि चेहरा पहचानने का सॉफ्टवेयर (फेस आइडेंटिटी सॉफ्टवेयर) के द्वारा लोगों को पहचानने की प्रक्रिया चालू है। शाह ने कहा कि यह सॉफ्टवेयर न तो धर्म देखता है और न ही कपड़े देखता है। वो सिर्फ और सिर्फ चेहरा और कृत्य देखता है और उससे ही पकड़ता है।