केंद्र सरकार जल्द ही आयातित प्याज को 22-23 रुपये किलो की रियायती मूल्य पर बेच सकती है, जो फिलहाल ऑफर किए गए रेट से 60 फीसद सस्ता होगा। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, यह प्याज बंदरगाहों पर सड़ सकता है। इसलिए ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं। केंद्र सरकार मौजूदा समय में 58/किग्रा की औसत कीमत पर राज्य सरकारों को आयातित प्याज ऑफर कर रही है, ताकि वे आगे इसे वितरित कर सकें। हालांकि, इससे परिवहन लागत भी प्रभावित हो रहा है।
चढ़ती प्याज की कीमतों की जांच करने के लिए सरकार ने नवंबर 2019 में राज्य की ओर से संचालित एमएमटीसी के माध्यम से 1.2 लाख टन प्याज आयात करने का निर्णय लिया था। तब से एमएमटीसी विदेशी बाजार से 14,000 टन प्याज खरीद चुका है।
सूत्रों के अनुसार, आयातित प्याज की एक बड़ी मात्रा अभी भी बंदरगाहों पर पड़ी हुई है, खासकर यह स्टॉक महाराष्ट्र में है। ऐसी स्थिति इसलिए आई क्योंकि कई राज्यों ने प्याज की उच्च दर होने से प्याज का उठाव नहीं किया, हालांकि, तब बाजार में नई प्याज आने के बाद खुदरा मूल्य कम होने लगी थीं।
सूत्रों ने बताया कि कई राज्यों ने आयातित प्याज को उठाने के लिए अपने आदेश वापस ले लिए, क्योंकि उनका कहना था कि वे इसे खुदरा नहीं बेच सकते थे। सूत्रों ने कहा कि आयातित प्याज को लेनेवालों को एमएमटीसी ने 40,000 टन के आयात के आदेश जारी किए थे, जबकि आखिरकार केवल 14,000 टन प्याज खरीदा गया