पानीपत में कोरोना वायरस की आशंका का मामला सामने आया है। संदिग्ध मरीज हाल ही में चीन से लौटा है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति है। अब ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है, जिनका चीन आवागमन लगा रहता है।
चीन से लौटे एक व्यापारी को मेडिसिन सेवन के बाद भी सांस लेने में दिक्कत, बुखार और जुकाम सहित कोरोना वायरस जैसे लक्षण दिखे। फैमिली डॉक्टर की सलाह पर वह सिविल अस्पताल पहुंचा। वहां उसके ब्लड और स्वाब का सैंपल लिया है। नमूनों को पुणे स्थित एनआइवी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी) लैब में भेजा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन और व्यापारिक संगठनों की मदद से ऐसे लोगों तक पहुंचने का प्रयास में है, जिनका चीन सहित सीमावर्ती इलाकों में आवागमन बना रहता है। उधर, हरियाणा के मिशन निदेशक प्रभजोत सिंह ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी जिलों सिविल सर्जन, डिप्टी सिविल सर्जन (मलेरिया) की बैठक ली।
उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव प्रबंधन पर दिशा-निर्देश दिए। बैठक में डीसी हेमा शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कादियान, डॉ. शशि गर्ग, डॉ. ललित वर्मा, डीडीपीओ राजबीर सिंह, महिला और बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी सरला यादव उपस्थित रहे।
हेल्पलाइन नंबर जारी किया
स्वास्थ्य विभाग, पानीपत ने अस्पताल में इसके लिए 0180-2640255 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसके अलावा एंबुलेंस डायल सेवा 108 पर कॉल पर भी संदिग्ध मरीज की सूचना दी जा सकती है। कोई व्यक्ति विगत 10 दिन में चीन का भ्रमण कर लौटा है, उसमें रोग के लक्षण दिख रहे हैं तो वह उक्त नंबरों पर कॉल कर सूचना दे सकता है।
सिविल अस्पताल भी अलर्ट
डिप्टी एमएस डॉ. अमित पोडिय़ा ने बताया कि सिविल अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाया है, जहां संदिग्ध रोगियों को भर्ती किया जा सकेगा। फ्लू कॉर्नर बनाया है जहां मरीज के ब्लड और स्वाब के सैंपल लिए जाएंगे।
अलग बनेगी ओपीडी
कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू जैसे लक्षणों से प्रभावित मरीजों की जांच के लिए अलग ओपीडी बनाई जाएगी। फील्ड से बुलाकर डॉ. रजत को इस ओपीडी में लगाया जाएगा। वायरस अन्य मरीजों को संक्रमित न करे, इसके लिए ओपीडी बनाने का निर्णय लिया है।
डॉक्टरों-कर्मचारियों को मिलेंगे मास्क
स्वास्थ्य विभाग ने सिविल अस्पताल सहित सीएचसी-पीएचसी के डॉक्टरों और कर्मचारियों को एम-95 मास्क का वितरण शुरू कर दिया है। विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि भीड़भाड़ वाले स्थानों से गुजरने वाले लोगों को भी इसी प्रकार का मास्क पहनना चाहिए।
कोरोना वायरस के लक्षण
लगातार बुखार आना।
सांस लेने में दिक्कत।
सर्दी-जुकाम व खांसी।
नाक से लगातार पानी बहना।
हमेशा सिर में दर्द।
अंगों का काम करना बंद।
ऐसे करें बचाव
घर पहुंचने पर साबुन से हाथ-मुंह धोएं।
खांसते-छींकते समय मुंह को कपड़े से ढकें।
बुखार-जुकाम वाले मरीजों से दूरी बनाकर रखें।
कच्चा मीट, अंडा का सेवन बिल्कुल न करें।
मुर्गी फार्म-पिग फार्म में जाने से बचें।
गला सूखा न रहने दें, बार-बार गुनगुना पानी पीएं।
भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
अभी तक ओपीडी में कोरोना वायरस से पीडि़त कोई मरीज नहीं आया है। इसके लक्षण भी स्वाइन फ्लू एच-1 एन-1 की तरह ही है, लेकिन यह उससे घातक है। लक्षणों के आधार पर मेडिसिन दी जाती है। बचाव करना बहुत जरूरी है।