नई दिल्ली . भले ही दो दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, पर तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के चारों गुनहगारों को फांसी देने की तैयारी पूरी कर ली गई है। रविवार को चारों को साथ फांसी देने की फुल रिहर्सल की गई।
इस दौरान मजिस्ट्रेट को छोड़ वह सभी कर्मचारी-अधिकारी मौजूद रहे, जिन्हें 22 जनवरी की सुबह फांसी घर में मौजूद रहना है। इन पुतलों को जेल में ही तैयार किया गया था। एक पुतले का वजन 90 से 100 किलो था। नए फांसी घर में तीन और पुराने फांसी घर में एक पुतले को फांसी पर लटकाया गया। पूरी प्रक्रिया में दो घंटे से ज्यादा का समय लगा।
रविवार सुबह छह बजे तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल, एडिशनल इंस्पेक्टर जनरल राज कुमार, जेल संख्या तीन के अधीक्षक सहित जेल के महत्वपूर्ण अधिकारी जेल नंबर-3 पहुंच गए थे। बताया गया कि फांसी के दौरान काेई तकनीकी कमी महसूस नहीं की गई। सिर्फ फांसी पर लटकाने के बाद जांच के लिए डॉक्टर काे शव की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए एक सीढ़ी की कमी थी। इसका इंतजाम करने के लिए कहा गया है। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 22 जनवरी से पहले एक बार और फांसी देने का ट्रायल किया जाएगा।