देहरादून. शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन कांग्रेस विधायक आदेश चौहान सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के जवाब से भौंचक्के रह गए. कांग्रेस विधायक ने जसपुर में भूजल स्तर घटने का मामला उठाया. इस पर जवाब देते हुए सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, “जमरानी बांध बन रहा है, उससे पानी का लेवल बढ़ जाएगा.” जसपुर के विधायक आदेश चौहान ने आश्चर्यचकित होकर पूछा… “कहां जसपुर, कहां जमरानी बांध?” प्रश्नकाल में ही सिंचाई मंत्री की विधायक पूरन फर्त्याल से भी बहस हो गई.
रोप-वे से नैनीताल की पार्किंग समस्या का समाधान
प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने नैनीताल में पार्किंग की समस्या का मामला उठाया. इस पर जवाब देते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महारजा ने जवाब दिया कि इसकी कार्ययोजना बनाई जा रही है. रोप-वे का भी प्रस्ताव है.
पर्यटन मंत्री ने सदन को यह भी जानकारी दी कि मसूरी में जॉर्ज एवरेस्ट को हैरिटेज हाउस के रूप में विकसित करने का प्रयास हो रहा है.
विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने चकराता में विदेशी पर्यटकों के लिए इनर लाइन की बाध्यता समाप्त करने की मांग उठाई. विधायक यतीश्वरानंद ने हरिद्वार ग्रामीण में नदी से कृषि भूमि के कटाव पर मुआवज़ा देने की मांग की.
जवाब नहीं दे पाए समाज कल्याण मंत्री
इस विधानसभा सत्र में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने पहली बार सवाल उठाया. उन्होंने खानपुर विधानसभा में नदी से कटाव पर गंगा और सोनाली तटबन्ध की सुरक्षा को लेकर उठाया सवाल. विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने अधिकारियों की अनुपस्थिति की वजह से सवालों का जवाब न मिलने का सवाल भी उठाया.
विधायक प्रीतम सिंह ने सवाल पूछा कि समाज कल्याण विभाग नशे के खिलाफ प्रचार प्रसार में कितना पैसा खर्च कर चुका है. कई बार पूछने के बाद भी समाज कल्याण मंत्री जवाब नहीं दे पाए. हरवंश कपूर और मुन्ना सिंह चौहान ने भी नशे का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि स्थिति बहुत गंभीर है, नशाखोरी बढ़ रही है.
डिफ़ॉल्टर ठेकेदार रजिस्टर
बहुत देर बाद अधिकारियों से पर्ची मिलने के बाद समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने दिया आधा-अधूरा जवाब. उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ प्रचार-प्रसार के लिए इस वर्ष 15 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.
ठेकेदार को लेकर भिड़े मंत्री सतपाल महाराज और विधायक पूरन फर्त्याल. भाजपा विधायक ने कहा कि 123 करोड़ के काम में डिफ़ॉल्टर होने के बाद भी ठेकेदार सिंचाई विभाग में रजिस्टर है. बाद में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया.