अपराधियों को टिकट देने में सबसे आगे ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (एजेएसयू) है। उसके 71 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं जबकि भाजपा के 50 फीसदी और कांग्रेस के 44 फीसदी उम्मीदवार किसी न किसी मामले में आरोपी हैं। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों के हलफनामों का अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट जारी की है।
इसमें बताया गया है कि 62 उम्मीदवारों ने स्वयं स्वीकार किया है कि उनके विरुद्ध हत्या, मारपीट सरीखे गंभीर अपराधों में मामले दर्ज हैं। 10 उम्मीदवार महिलाओं के प्रति हुए गंभीर किस्म के अपराधों से जुड़े मामलों का सामना कर रहे हैं। 15 उम्मीदवार हत्या और हत्या के प्रयास सरीखे दोषों से जुड़े मामलों में नामित हैं। माननीयों की आपराधिक छवि का आलम यह है कि दो उम्मीदवारों पर दोष भी साबित हो चुके हैं।
77 उम्मीदवार करोड़पति
उन पर 5 करोड़ से ज्यादा की देनदारी और 8 करोड़ से ज्यादा का विवादित कर्ज भी है। दूसरे नंबर पर इसी सीट से भाग्य आजमा रहे झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के मुन्ना सिंह है। उनकी कुल संपत्ति 19 करोड़ से ज्यादा है। तीसरे नवंबर पर रांची से चुनावी मैदान में एजेएसयू के सुदेश कुमार महतो हैं।
रांची एक मात्र ऐसी विधानसभा है जहां सबसे कम आय वाले उम्मीदवार भी मैदान में हैं। यहां द इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अब्दुल्ला अजहर अंसारी के पास कुल 4 हजार रुपये की संपत्ति है। दूसरे नंबर पर देवेंद्र नाथ महतो हैं जिनके पास कुल 7 हजार और तीसरे नंबर पर रांची से ही राजेशवीर महतो हैं, जिनके पास कुल 10 हजार रुपये की संपत्ति है।