वैष्णो देवी के यात्रियों के लिए खुशखबरी है। भवन क्षेत्र में करीब 4000 और तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए मेगा दुर्गा भवन का निर्माण किया जाएगा। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) के चेयरमैन व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने वीरवार को बोर्ड की 65वीं बैठक में यह घोषणा की। कहा कि यात्रियों की बेहतर सुविधाओं के लिए भविष्य की जरूरतों के साथ सुधार लाया जाएगा।
बैठक में भवन के मास्टर प्लान के कार्यान्वयन के अलावा अन्य परियोजनाओं की समीक्षा की गई। मास्टर प्लान के पहले चरण के कार्यान्वयन की अनुमानित लागत 90 करोड़ रुपये होगी। दर्शनी ड्योढ़ी से भवन तक के ट्रैक पर सीसीटीवी निगरानी प्रणाली की समीक्षा की गई।
इस प्रणाली से न केवल तीर्थयात्रियों की आवाजाही की निगरानी और सुरक्षा उपाय मजबूत करने में मदद करेगी, बल्कि श्राइन और स्थानीय प्रशासन को वास्तविक समय सहायता भी प्रदान की जा सकेगी। कटड़ा से भवन और आसपास के क्षेत्रों में भूमिगत केबलिंग परियोजना की भी समीक्षा की गई। इसमें ताराकोट मार्ग पर काम शुरू हो गया है। इसे पूरा होने में 24 महीने लगेंगे।
चालू वर्ष की यात्रा के आंकड़ों की समीक्षा करते हुए तीर्थयात्रियों की संख्या को बढ़ाने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की। वर्तमान वर्ष के लिए बोर्ड के वार्षिक ग्रीन प्लान के कार्यान्वयन की समीक्षा के साथ वर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक ग्रीन प्लान को भी मंजूरी दी गई।
बैठक में बोर्ड सदस्यों में श्रीश्री रविशंकर, डॉ. अशोक भान, केबी काचरू, केके शर्मा, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली, सेवानिवृत्त मेजर जनरल शिव कुमार शर्मा, विजय धर, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव बिपुल पाठक, श्राइन बोर्ड के निवर्तमान सीईओ सिमरनदीप सिंह, नए सीईओ रमेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक वर्मा और मुख्य अभियंता एमएम गुप्ता मौजूद रहे।
सात की जगह अब तीन साल में नियमित होंगे कर्मी
बोर्ड ने अपने कर्मचारियों को भी सौगात दी है। नवनियुक्त कर्मचारियों को अब सात के बजाय तीन साल में नियमित किया जाएगा। बोर्ड ने टर्म इंप्लायमेंट पीरियड को 7 की जगह तीन वर्ष करने को मंजूरी दे दी है।
बोर्ड के कर्मचारियों के लिए इन-सीटू पदोन्नति के लिए उच्च वेतनमान योजना का समर्थन किया गया। बोर्ड ने कई कैडर में ठहराव को कम करने के लिए कार्मिक मामलों की समिति की सिफारिशें मान ली हैं।
इसके साथ ही जनरल, स्वच्छता, मेडिकल/नर्सिंग और कैटरिंग कैडर के पुनर्गठन की भी मंजूरी दी गई। कर्मचारी कल्याण कोष की स्थापना की भी घोषणा की, जो श्राइन बोर्ड से कॉर्पस के लिए प्रारंभिक योगदान को पूरा करेगा। बाद में हर महीने सभी कर्मचारियों से योगदान लिया जाएगा।