पलवल — हरियाणा राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB), गुरुग्राम इकाई ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पलवल जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. जय भगवान को 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ACB की टीम ने गुरुवार देर शाम डॉ. जय भगवान को उनके आवास पर एक लाख रुपये की पहली किस्त लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
शिकायतकर्ता, जो कि पलवल के एक निजी ट्रॉमा सेंटर ‘सनराइज ट्रॉमा हॉस्पिटल’ के साझेदार हैं, ने ACB को सूचना दी थी कि CMO द्वारा अस्पताल की जांच के नाम पर बार-बार कमियाँ बताकर 15 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही थी। साथ ही, यह धमकी दी जा रही थी कि यदि रकम नहीं दी गई तो अस्पताल को बंद करवा दिया जाएगा। CMO ने यह भी दावा किया था कि यह राशि उच्च अधिकारियों को पहुँचानी है।
शिकायतकर्ता के अनुसार, अब तक 7 लाख रुपये की राशि पहले ही दी जा चुकी थी, जिसकी पुष्टि दस्तावेज़ी साक्ष्यों से भी हुई है। डॉ. जय भगवान लगातार बाकी बची 8 लाख रुपये की राशि एक बार में देने का दबाव बना रहे थे। इसी बीच, पीड़ित साझेदारों ने ACB से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई।
ACB की टीम ने मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में जाल बिछाया और CMO को उनके सरकारी आवास पर रिश्वत की राशि स्वीकार करते हुए गिरफ्तार किया। रात भर चली तलाशी के दौरान CMO के पलवल स्थित सरकारी आवास से अलमारी में छिपाकर रखे गए अतिरिक्त 3 लाख रुपये भी बरामद किए गए, जो पूर्व में ली गई रिश्वत का हिस्सा हो सकते हैं।
आरोपी के खिलाफ फरीदाबाद स्थित राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाना में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 308(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ACB के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह केवल CMO तक सीमित नहीं है। इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों की भी जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल जांच जारी है।”
इस गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। यह मामला सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार की गंभीर स्थिति को उजागर करता है और सवाल उठाता है कि किस तरह कुछ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर आम जनता और निजी संस्थानों का शोषण कर रहे हैं।