नई दिल्ली। पिछले सप्ताह दोनों सदनों – लोक सभा और राज्यसभा – में गंभीर बहस, चर्चा और तर्क गूंजने के बाद संसद का शीतकालीन सत्र अपने छठे दिन में प्रवेश कर गया है। सोमवार को शीतकालीन सत्र के छठे दिन, दोनों सदनों में एक और पावर-पैक दिन देखने को मिल सकता है और यह होगा महाराष्ट्र में चल रही टेंशन को लेकर। महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम का असर सोमवार को संसद के चल रहे मौजूदा सत्र में भी दिख सकता है। इस मामले में कांग्रेस, एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और शिवसेना एक साथ खड़ी हैं।…और जिस तरह से देवेंद्र फड़नवीस सरकार बनी है, उस पूरे घटनाक्रम से तीनों ही पार्टियां को भारी झटका लगा है। ऐसे में वह सरकार को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ेंगी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी हैं तीनों पार्टी। ऐसे में वह केंद्र सरकार को घेरने के लिए संसद में भी कोई मौका नहीं छोड़ेगी।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस या दूसरे विपक्षी दलों के पास इस बार संसद सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए कोई बड़ा राजनीतिक मुद्दा नहीं है। ऐसे में वे महाराष्ट्र को लेकर केंद्र सरकार और राज्यपाल, दोनों पर निशाना साध सकेंगी। हालांकि संसद में विपक्ष का पैनापन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी निर्भर करेगा।