पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि मुस्लिम व्यक्ति का निकाह मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार होता है और यौन परिपक्वता पाने के बाद मुस्लिम लड़का या लड़की अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ निकाह करने के लिए स्वतंत्र हैं।एक जोड़े ने बताया कि उन्होंने अपनी मर्जी से निकाह कर लिया है और उनके घरवालों को उनका रिश्ता मंजूर नहीं है। जोड़े ने परिवार से खतरा बताते हुए सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। जोड़े ने बताया कि लड़के की आयु 18 वर्ष है और वह मुस्लिम है। मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार यौन परिपक्वता पाने के बाद निकाह को वैध माना जाता है। हाईकोर्ट ने मोहाली के एसएसपी को इस जोड़े की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। इस आदेश के साथ ही हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
हाई कोर्ट : मुस्लिम लड़का या लड़की अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ निकाह करने के लिए स्वतंत्र हैं –
