शिक्षा विभाग ने नियम 134ए के तहत पोर्टल पर दिखाई देने वाले लंबित दाखिले खत्म करने के लिए निजी स्कूलों को निर्देश दिए हैं। इसके तहत 21 फरवरी तक लंबित दाखिलों को पोर्टल पर स्वीकार या निरस्त करना होगा। दोनों चरणों की दाखिला प्रक्रिया पूरी होने के बाद 3098 विद्यार्थियों में से 1143 विद्यार्थी अभी भी दाखिले से वंचित हैं। शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र के बीच में नियम 134ए के तहत दाखिला प्रक्रिया शुरू की थी। 5 दिसंबर को हुई मूल्यांकन परीक्षा का परिणाम 16 दिसंबर को घोषित गया था। इसके साथ ही पहला ड्रा निकालते हुए पात्र विद्यार्थियों को स्कूल अलॉट कर दिए थे। पहले ड्रा में 2544 विद्यार्थियों को स्कूल अलॉट किए गए थे। इन विद्यार्थियों को 24 दिसंबर तक अलॉट स्कूलों में उपस्थित दर्ज करवाने का समय दिया गया था। निजी स्कूलों ने पात्र विद्यार्थियों को दाखिला देने से मना कर दिया। तीन बार अंतिम तिथि बढ़ाने के बावजूद निजी स्कूल दाखिला देने पर राजी नहीं हुए। शिक्षा विभाग ने इस बीच दूसरा ड्रा जारी कर विद्यार्थियों को स्कूल अलॉट कर दिए, लेकिन इस बार उन स्कूलों ने भी दाखिला देने से मना कर दिया, जो पहले ड्रा में दाखिले दे रहे थे। दाखिला न मिलने पर पोर्टल पर सभी विद्यार्थियों के दाखिले लंबित ही दिखाई दे रहे हैं। निरस्त करने पर कारण पूछेगा पोर्टल
निजी स्कूलों को पोर्टल पर लंबित दाखिलों को खत्म करने के लिए स्वीकार या निरस्त करना होगा। इसके लिए स्कूलों के पास महज एक दिन का समय शेष है। अगर स्कूल दाखिलों को निरस्त करते हैं तो उन्हें इसका कारण बताया होगा। पोर्टल पर निरस्त के विकल्प का चयन करने पर तीन नए विकल्प सामने आएंगे। इनमें पहला अमान्य प्रमाणपत्र, दूसरा पात्र विद्यार्थी पहुंचे नहीं और तीसरा विकल्प अन्य रहेगा। निजी स्कूलों को दाखिले निरस्त करते समय इनमें किसी एक का चयन करना होगा। नियम 134ए के तहत दूसरे ड्रा की दाखिला प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। दोनों ड्रा के बाद 1143 विद्यार्थियों के दाखिले लंबित है। शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर निजी स्कूलों को 21 फरवरी तक लंबित दाखिले खत्म करने के निर्देश दिए हैं। निजी स्कूलों को अब लंबित दाखिलों को स्वीकार या निरस्त करना होगा।