उन्नाव के एक गांव में गैंगरेप के बाद 8 वर्षीय मासूम की हत्या से आक्रोशित घरवालों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उनकी मांग है कि जब तक दरिंदों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। एडीएम राकेश कुमार और यह एएसपी विनोद पांडे ने पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश की लेकिन वह एक नहीं माने।
होली के दिन पिता के साथ फाग सुनने गई मासूम के साथ दरिंदगी करने के बाद दरिंदों ने उसका गला घोट दिया था। कानपुर में उपचार के दौरान मासूम की मौत हो गई। बुधवार की देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शव उसके घर पहुंचा तो लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। प्रशासन ने शव के अंतिम संस्कार के लिए पीड़ित परिवार को मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। देर रात आईजी एस के भगत गांव में डटे रहे। घर वालों ने गुरुवार को अंतिम संस्कार पर फैसला लेने की बात कही थी। प्रशासन की तरफ से गांव में भारी संख्या में फोर्स तैनात की गई थी। पीड़िता के घर से करीब 300 मीटर दूर प्रशासनिक अफसरों ने गड्ढा भी खुदवा दिया था। बिना पूछे गड्ढा खुदवाने से पीड़ित परिवार के लोग नाराज हो गए।
एडीएम और अपर एसपी पीड़ित परिवार को समझाने पहुंचे तो पीड़ित परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि जब तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं कर ली जाती वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। पीड़ित परिवार की ओर से पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की जा रही थी। उधर, सपाइयों की ओर से लगातार पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की जा रही है।