दिल्ली विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ही नहीं, आपकी अपनी पार्टी (आप), आम समाज पार्टी (असपा), टीपू सुल्तान पार्टी सरीखी पार्टियों के उम्मीदवार भी ताल ठोंक रहे हैं। खास बात यह कि अजब-गजब नामों वाली छोटी-छोटी पार्टियों ने तीन-चार सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारे हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली चुनाव में बड़े दलों के अलावा 90 से ज्यादा पार्टियों ने अपने चुनाव निशान आरक्षित करवाया है।
चुनाव आयोग की तरफ जारी आंकड़ों से पता चलता है कि नामांकन करने वाली छोटी पार्टियों में आप, असपा, टीपू सुल्तान, प्रोटिस्ट पार्टी न्याय पार्टी, सत्य बहुमत पार्टी, इंडियन प्रजा पार्टी, असंख्य समाज पार्टी, जनाधिकार पार्टी, राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी जैसी करीब 90 छोटी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इनके दावे भी अनूठे हैं। किसी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनना है तो किसी को भाजपा, कांग्रेस व आप तीनों का हराकर अपना सिक्का जमाना है।
नई दिल्ली चुनाव कार्यालय पहुंचे राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी की उम्मीदवार को मलाल इसी बात का था कि दस्तखत न होने से उनका नामांकन आयोग न रद्द कर दिया। साथ ही दावा भी कि अगर वह चुनाव मैदान में होते तो इस बार तीनों दलों की हार पक्की थी। वहीं, पटपडग़ंज हिंदुस्तान निर्माण दल का दावा है कि इस बार पटपडग़ंज में किसी की दाल नहीं गलेगी। चुनाव जीतने के बाद वह इलाके के साथ वह पूरी दिल्ली का विकास करेंगे।
उधर, दिल्ली चुनाव कार्यालय का कहना है कि 2015 के चुनाव में कुल 84 फ्री सिंबल उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध थे। जबकि इस बार यह संख्या 150 से ज्यादा हैं। इनमें से अधिसूचना जारी होने के दौरान करीब 90 सिंबल को छोटी-छोटी पार्टियों ने दिल्ली की सभी सीटों के लिए आरक्षित करने का आवेदन दे रखा है। बाकी चुनाव निशान निर्दलीयों को आबंटित किए जाएंगे। उम्मीदवारों की आखिरी लिस्ट जारी होने के बाद इस पर वास्तविक तस्वीर शनिवार को ही स्पष्ट हो सकेगी।
दिल्ली की अजब-गजब पार्टियां
आपकी आदमी पार्टी
आम समाज पार्टी
सत्य बहुमत पार्टी
टीपू सुल्तान पार्टी
प्रोटेस्ट ब्लॉक
जनअधिकार पार्टी
हिंदुस्तान निर्माण दल
राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी
हिंदुस्तान निर्माण पार्टी
भारतीय सामाजिक न्याय पार्टी